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डाउनलोड करेंउत्तर प्रदेश में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बसपा के दलित वोटों में सेंध लगाने के लिए बड़ा दांव खेल दिया है। अखिलेश के प्रस्ताव को आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने स्वीकार कर लिया है। शुक्रवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने इस बात के संकेत दिए। इस पर फाइनल मुहर 15 जनवरी यानी कल लगेगी। चंद्रशेखर ने लखनऊ में प्रेस कान्फ्रेंस बुलाई है।
उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर लिखा कि एकता में बड़ा दम है। मजबूती और एकता के बगैर बीजेपी जैसी मायावी पार्टी को हराना आसान नहीं है। गठबंधन के अगुवा का दायित्व होता है कि वो सभी समाज के लोगों के प्रतिनिधित्व और सम्मान का ख्याल रखे। आज यूपी में दलित वर्ग अखिलेश यादव से इस जिम्मेदारी को निभाने की अपेक्षा रखता है। अखिलेश से उनकी मुलाकात शुक्रवार को जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट में हुई थी। इसके बाद ही उन्होंने ये बातें लिखी हैं।
अखिलेश से चंद्रशेखर ने की मुलाकात
भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर ने गुरुवार को भी सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की। इसके बाद सपा गठबंधन में भीम आर्मी के शामिल होने की उम्मीद बढ़ गई है। इससे पहले ओम प्रकाश राजभर ने बुधवार को दावा किया था कि चंद्रशेखर गठबंधन का हिस्सा बन सकते हैं। उनसे बात की जा रही है। उसके बाद चंद्रशेखर अखिलेश से मिलने भी पहुंच गए। हालांकि, इस मुलाकात में क्या हुआ इसको लेकर दोनों दलों की तरफ से अभी कोई बयान नहीं आया है।
चंद्रशेखर के आने से गठबंधन को हो सकता है फायदा
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि गठबंधन होने के बाद चंद्रशेखर को अखिलेश कितनी सीट देते हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि चंद्रशेखर के आने से गठबंधन को फायदा होगा। युवा दलितों के बीच में उनकी अच्छी पकड़ है। उत्तर प्रदेश में चंद्रशेखर संकल्प भागीदारी मोर्चे से भी जुड़ चुके हैं। इसमें ओम प्रकाश राजभर के साथ कई अन्य दल भी जुड़े थे।
समाजवादी पार्टी को इसका बड़ा फायदा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मिल सकता है। जहां पार्टी आरएलडी के साथ चुनाव में जा रही है। अगर अगले कुछ दिनों में गठबंधन का ऐलान नहीं हुआ है तो सीटों का बंटवारा मुश्किल होगा। गठबंधन होता भी है तो अखिलेश उनके लिए अधिकतम दो से तीन सीट छोड़ सकते हैं।
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