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डाउनलोड करेंपहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश की वजह से वाराणसी, प्रयागराज और मेरठ समेत कई जिलों में गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। इससे शहर के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। वाराणसी में गंगा का जलस्तर बढ़ने से कई घाट डूब गए हैं और 84 घाटों का संपर्क एक दूसरे से टूट गया है। प्रयागराज में गंगा-यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। बढ़ते जलस्तर ने नदियों के किनारे बस्तियों में रहने वाले लोगों की चिंता बढ़ा दी है। बाढ़ का खतरा मंडराने से लोगों में भी दहशत देखने को मिल रही है। पहाड़ों पर हो रही बारिश से मेरठ के खादर वाले इलाकों में भी बाढ़ का खतरा देखते हुए इससे बचाव को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
वाराणसी में NDRF को अलर्ट किया गया
वाराणसी में 8 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गंगा का जलस्तर बढ़ने की वजह से अर्धचंद्राकार दिखने वाले 84 घाटों का संपर्क एक-दूसरे से टूट गया है। रविवार की दोपहर 2 बजे वाराणसी में गंगा का जलस्तर 64.76 मीटर दर्ज किया गया। वाराणसी में गंगा का चेतावनी बिंदु 70.26 मीटर और खतरे का निशान 71.26 मीटर है। गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए जल पुलिस और NDRF की 11वीं वाहिनी के जवान अलर्ट मोड में है।
गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर शवदाह का परंपरागत स्थान बदल गया है। पहले जो शव सीढ़ियों के नीचे जलते थे अब वह दोनों घाटों पर ऊपर जलाए जा रहे हैं। जलस्तर ज्यादा बढ़ेगा तो चिताएं और ऊपर जलाई जाएंगी। हरिश्चंद्र घाट पर शवदाह कराने वाले डोम राजा परिवार के ओंकार चौधरी ने बताया कि अभी जलस्तर और तेजी से बढ़ेगा। पानी जैसे-जैसे बढ़ता जाता है शवदाह उसी के अनुरूप ऊंचाई वाले स्थान पर किया जाता है।
प्रयागराज में गंगा किनारे सटे इलाकों में दहशत
रविवार सुबह गंगा-यमुना नदी का जलस्तर में 10 सेमी. प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है, जो शनिवार को 5 से 7 सेमी. प्रतिघंटा था। इससे यह आशंका है कि जल्द ही दोनों नदियां खतरे के निशान को पार कर जाएंगी। गंगा-यमुना के किनारों में कटान शुरू हो गई है। दूसरी तरफ शहर में जल भराव की स्थिति बन गई है, जिससे सैकड़ों परिवारों पर आफत आन पड़ी है। उधर, किसानों में बारिश से अच्छी फसल की उम्मीद जगी है, उनके चेहरे पर मुस्कान आ गई है।
प्रयाग में यमुना में 10 तो गंगा में 5 सेमी. की रफ्तार से बढ़ रहा जलस्तर
बाढ़ नियंत्रण कंट्रोल रूम के रिकॉर्ड के मुताबिक, यमुना में जलस्तर बढ़ने की रफ्तार गंगा के मुकाबले ज्यादा है। यमुना का जलस्तर 77.78 मीटर था, जो रविवार को सुबह 78.01 मीटर पहुंच गया। हालांकि, गंगा 3 से 4 सेमी. प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही है। फाफामऊ घाट पर गंगा का जलस्तर 79.90 मीटर, झूंसी में 78.57 मीटर और नैनी 78.67 मीटर पहुंच गया है।
हालांकि, अभी खतरे के निशान से ये जलस्तर बहुत नीचे हैं। मगर जिस तेजी से जलस्तर बढ़ रहा है, उससे लोगों का परेशान होना स्वाभाविक है। संगम क्षेत्र, दारागंज के रामघाट, दशाश्वमेध घाट, अरैल समेत गंगा घाटों के किनारे सजी फूल माला की दुकानों से लेकर तीर्थ पुरोहितों की चौकी एवं झोपड़ी अब ऊपर की तरफ आ गई हैं।
उत्तराखंड में हो रही बारिश से मेरठ के खादर इलाके में दहशत
उत्तराखंड में लगातार पड़ रही बारिश से मेरठ के हस्तिनापुर खादर क्षेत्र के लोग दहशत में हैं। यहां गंगा नदी के किनारे तटबंध में दरार आ गईं हैं। हस्तिनापुर खादर क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से लोग दहशत में हैं। यहां बारिश से गंगा के कच्चे तटबंध को टूटने का खतरा सता रहा है। स्थानीय ग्रामीण लगातार तटबंध की निगरानी कर रहे हैं।
प्रशासनिक अधिकारी भी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। हरिद्वार से मेरठ तक गंगा का जलस्तर देख रहे सिंचाई विभाग के एसडीओ पंकज कुमार ने बताया कि हरिद्वार - हस्तिनापुर में करीब डेढ़ लाख क्यूसेक पानी चल रहा है। अभी बाढ़ जैसी स्थिति नहीं है। जब पानी दो लाख क्यूसेक को पार कर जाएगा। तब गंगा के किनारे बाढ़ की स्थिति बनती है।
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