पाएं अपने शहर की ताज़ा ख़बरें और फ्री ई-पेपर
डाउनलोड करेंसपा विधायक आजम खान ने सोमवार को बेटे अब्दुल्ला के साथ विधायक पद की शपथ ली। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने दोनों नेताओं को शपथ दिलाई। हालांकि, आजम विधानसभा में बजट सत्र की कार्यवाही में नजर नहीं आए हैं। चर्चा है कि शपथ के बाद वह वापस रामपुर चले गए। विधानसभा में अखिलेश के ठीक बगल की सीट उनको अलॉट हुई थी। विधानसभा में उनकी अखिलेश से मुलाकात हुई है या नहीं। यह भी स्पष्ट नहीं है।
इससे पहले सुबह लखनऊ पहुंचे आजम ने मीडिया के सवालों का ज्यादा जवाब नहीं दिया। सिर्फ इतना कहा, "मैं माफिया नंबर एक हूं।" सुबह 10 बजे विधानसभा पहुंचे आजम ने गेट नंबर-8 से एंट्री की। कई सपा विधायक उनको रिसीव करने पहुंचे। लेकिन, आजम खान ने बहुत उत्साह नहीं दिखाया। वह ज्यादातर वक्त खामोश ही रहे। मीडिया ने उनको घेरकर सवाल पूछने चाहे। ज्यादातर सवालों को उन्होंने अनसुना कर दिया।
खबर में आगे बढ़ने से पहले इस पोल में हिस्सा लेकर अपनी राय दे सकते हैं।
रात डेढ़ बजे रामपुर से लखनऊ के लिए रवाना हुए
इससे पहले रात डेढ़ बजे आजम रामपुर से लखनऊ के लिए रवाना हुए थे। तब मीडिया के सवालों पर उन्होंने कहा,"मेरी जान को खतरा है, जेल में मुझे इंस्पेक्टर ने अंडरग्राउंड रहने को कहा था। एनकाउंटर की धमकी दी थी, इसलिए पता नहीं मेरा सफर कहां तक का है।"
मां-बाप की कब्र पर पढ़ी थी फातिहा
रविवार-सोमवार की दरमियानी रात रामपुर से रवाना होने से पहले आजम ने अपने मां-पिता की कब्र पर गए। वहां फातिहा पढ़ी। आजम के पिता मुमताज खान और उनकी मां फातिमा की कब्रें उनके घर के पास बने कब्रिस्तान में हैं। आजम के साथ उनके बेटे और स्वार टांडा विधायक अब्दुल्ला आजम भी मौजूद रहे हैं।
अखिलेश से नाराज होने पर बोले थे- कोई आधार चाहिए
अखिलेश से नाराजगी के सवाल पर रविवार को आजम खान ने कहा था, "नाराज होने के लिए कोई आधार चाहिए, मुझे तो कोई वजह समझ नहीं आ रही है। मैं खुद ही निराधार हूं, तो आधार कहां से आएगा। मैं किसी से नाराज होने की हैसियत में नहीं हूं। मैं समाजवादी पार्टी का अदना-सा कार्यकर्ता हूं, इसलिए जेल में जो मुझसे मिलने आए और जो किसी वजह से नहीं आए, मैं दोनों का शुक्रिया अदा करता हूं।
कमजोरों के लिए इंसाफ बाकी है
आजम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने वो हक अदा किया जो न मेरे साथ के, न मेरे धर्म के और न मेरे प्रदेश के लोग कर सके। इंसाफ के तकाजों को सुप्रीम कोर्ट ने पूरा किया। विधाता ने जो ताकत उन्हें दी है, उन्होंने उसका सही और जायज इस्तेमाल करके साबित किया कि कमजोरों के लिए इंसाफ बाकी है। बता दें कि 27 महीने जेल में बंद रहने के बाद सुप्रीम कोर्ट से जमानत पर आजम खान छूटे हैं।
22 मार्च को सांसद पद से दिया था इस्तीफा
जेल में बंद होने के दौरान 22 मार्च 2022 को आजम खान ने सांसद पद से इस्तीफा दिया था। इसके बाद वह विधायक हैं। वह रामपुर से लोकसभा सांसद थे। 2022 में विधानसभा चुनाव जेल से लड़कर जीत हासिल की थी। उन्होंने अपनी विधायकी बरकरार रखी है।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.