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डाउनलोड करेंचुनावी साल में योगी सरकार कल यानी 19 सितंबर को अपने सरकार के साढ़े 4 साल पूरे होने का जश्न मनाएगी। दरअसल, कोरोना की वजह से पिछले दो साल से सरकार कोई बड़ा कार्यक्रम नही कर पाई। इस बार खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाएंगे। इस मौके पर सरकार 'इरादे नेक,काम अनेक' नाम की उपलब्धियों की बुकलेट भी जारी करेगी।
भाजपा सरकार 2022 में सत्ता में वापसी के लिए योगी ने नाम और काम को आधार बनाएगी। सरकार की कोरोना से लड़ाई, किसान हित, रोजगार और माफिया के खिलाफ कार्रवाई को मुद्दा बनाया जाएगा। हालांकि सरकार अपनी बड़ी उपलब्धि के तौर मिशन रोजगार को पेश करेगी। हालांकि कांग्रेस प्रवक्ता सचिन रावत का दावा है कि कांग्रेस पार्टी ने RTI के माध्यम से सरकार से सवाल पूछा था कि 4 लाख रोजगार किन विभागों में दिये गए हैं। सरकार का जवाब आया कि डाटा उपलब्ध नहीं है।
यूपी के युवाओं को रोजगार बनेगा चुनावी मुद्दा
योगी सरकार उपलब्धियां की अपनी बुकेलट में बेरोजगारों को रोजगार का आंकड़ा भी बता रही है। सरकार का दावा है कि मिशन रोजगार के तहत 4. 25 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई है। तीन लाख युवाओं को संविदा पर सरकारी नियुक्ति दी गई है,जबकि 82लाख एमएसएमई इकाइयों को 3 लाख करोड़ ऋण देकर लगभग 2 कारोड़ युवाओं को रोजगार दिया गया है। साथ ही एक जनपद एक उत्पाद योजना में भी 25लाख लोगों को रोजगार देने का दावा सरकार ने किया है।
यूपी में 'मिशन रोजगार ' के तहत 24.30 लोगों को मिला रोजगार
यूपी सरकार द्वारा यूपी मिशन रोजगार आरंभ किया गया था। जिसके अंतर्गत सभी बेरोजगार नागरिकों को रोजगार प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत अब तक प्रदेश के लाखों लोगों को नौकरी एवं स्वरोजगार से जोड़ा जा चुका है। 5 दिसंबर 2020 से 7 जनवरी 2021 तक 24.30 लाख बेरोजगार नागरिकों को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर प्रदान किए गए हैं।
इसी के साथ यूपी मिशन रोजगार योजना के अंतर्गत 35.35 करोड मानव दिवस सृजित किए गए हैं। इस योजना के अंतर्गत अब तक 69,691 बेरोजगार युवाओं की भर्ती की गई है। जिसमें से 2,259 आउटसोर्सिंग के माध्यम से तथा 36,868 संविदा के माध्यम से कि गई है। लगभग 4,57,628 नागरिकों को स्वरोजगार करने के लिए मदद प्रदान की गई है।
5 साल में 70 लाख रोजगार देने का था वादा
कांग्रेस का दावा है कि भाजपा और मुख्यमंत्री योगी ने पिछले चुनाव से पहले प्रदेश की जनता से घूम-घूमकर पाँच साल में 70 लाख यानी 14 लाख रोज़गार प्रतिवर्ष देने का वादा किया था, पर साढ़े 4 साल बीत जाने के बाद मुख्यमंत्री योगी खुद 4 लाख रोजगार देने की बात कर रहे हैं, हालाँकि इसमें भी आकडों की हेराफेरी की गयी है। योगी सरकार बड़ी-बड़ी होर्डिंग लगाकर रोज़गार देने का झूठा प्रचार कर रही है। हकीकत ये है कि प्रदेश में बेरोजगारी की स्थिति बहुत भयावह है।
यूपी में बढ़ा बेरोजगारी दर- कांग्रेस
कांग्रेस प्रवक्ता सचिन रावत ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 2018 के मुकाबले 2019 में बेरोजगारी दोगुनी हुई है। विधानसभा में श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने लिखित जवाब में माना था कि 2018 में बेरोजगारी दर 5.92 प्रतिशत थी जो 2019 में बढ़कर 9.97 प्रतिशत हो गई। योगी सरकार न विभागीय नौकरियां उपलब्ध करा पायी है और न प्रदेश में नये कारखाने या उपक्रम ही लगे हैं। जब रोजी रोटी की चिन्ता से परेशान युवा सड़क पर उतरकर नौकरी मांगता है, अटकी भर्ती घोषित करने की मांग करता है तो भाजपा के नेता कुत्ता पालने, खिलौना बनाने, पकौड़ा तलने की सलाह देते है।
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