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रिटायर्ड जज एसएन शुक्ला पर चलेगा भ्रष्टाचार का मुकदमा:सपा नेता के मेडिकल कॉलेज को फायदा पहुंचाने का आरोप, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने CBI को दी अनुमति

प्रयागराज2 वर्ष पहले
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एसएन शुक्ल 17 जुलाई, 2020 को रिटायर हुए थे।- फाइल फोटो - Money Bhaskar
एसएन शुक्ल 17 जुलाई, 2020 को रिटायर हुए थे।- फाइल फोटो

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के एक मामले में भ्रष्टाचार के आरोपी रिटायर्ड न्यायमूर्ति एसएन शुक्ल के खिलाफ अभियोग चलाने की मंजूरी दी है। CBI ने 16 अप्रैल 2021 को उनके खिलाफ भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के तहत मुकदमा चलाने के लिए हाईकोर्ट से अनुमति मांगी थी। अब सीबीआई चार्जशीट दाखिल करेगी।

भ्रष्टाचार के आरोप में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ के रिटायर्ड न्यायमूर्ति एसएन शुक्ला के अलावा छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से रिटायर्ड न्यायाधीश आईएम कुद्दूसी, ट्रस्ट और निजी व्यक्तियों में भावना पांडे, सुधीर गिरी और प्रसाद शिक्षा न्यास के भगवान प्रसाद यादव, पलाश यादव को भी FIR में नामजद किया गया था। आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (आपराधिक साजिश) की धारा 120बी और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के तहत आरोप लगाए गए हैं।

सपा नेता का है मेडिकल कॉलेज
मामला लखनऊ में कानपुर रोड स्थित प्रसाद इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज से जुड़ा है। 2017 में कॉलेज का मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) ने निरीक्षण किया था। उस दौरान टीम को कॉलेज में मेडिकल की पढ़ाई के मानक पूरे नहीं मिले। इसके बाद आदेश के तहत प्रसाद इंस्टिट्यूट समेत देश के 46 मेडिकल कॉलेजों में मानक पूरे न करने पर नए प्रवेशों पर रोक लगा दी गई थी। बता दें कि प्रसाद इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज सपा नेता बीपी यादव और पलाश यादव का है।

2020 को रिटायर हुए थे शुक्ल
डिबार के फैसले को ट्रस्ट ने एक रिट याचिका के जरिए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इसके बाद प्राथमिकी में नामजद लोगों ने साजिश रची और अदालत की अनुमति से याचिका वापस ले ली। अधिकारियों ने कहा कि 24 अगस्त, 2017 को हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ के समक्ष एक और रिट याचिका दायर की गई थी। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि याचिका पर 25 अगस्त, 2017 को न्यायमूर्ति एसएन शुक्ल की खंडपीठ द्वारा सुनवाई की गई और उसी दिन एक अनुकूल आदेश पारित किया गया। इसी मामले में न्यायमूर्ति शुक्ल पर भ्रष्टाचार का आरोप है। बात दें कि एसएन शुक्ल 17 जुलाई, 2020 को रिटायर हुए थे।

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