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डाउनलोड करेंयूपी चुनाव में दो भोजपुरिया गायक भी भिड़ गए है। पढ़ने में भले अजीब लग रहा हो, लेकिन ये 'यूपी में सब बा' बनाम 'यूपी में का बा' की खींचतान है। भोजपुरी सिनेमा के मेगास्टार और भाजपा के सांसद रवि किशन का रैप सॉन्ग 'यूपी में सब बा' रिलीज हो चुका है। मकर संक्राति की पूर्व संध्या पर सीएम योगी ने गोरखनाथ मंदिर में इसे रिलीज किया था।
इसके जवाब में 'बिहार में का बा' गाने से फेमस हुई नेहा सिंह राठौर यूपी चुनाव में चिर-परिचित अंदाज में 'यूपी में का बा' गाना लेकर आईं हैं। अब यूपी चुनाव में सिर्फ नेता नहीं भिड़ रहे, बल्कि दो भोजपुरिया गीतकार भी सुरीली जंग में आमने-सामने हैं।
राठौर का योगी पर तंज, गाया- बाबा के दरबार बा, खत्म रोजगार बा...
रवि गाते हैं, 'जे कब्बो न रहल अब बा, यूपी में सब बा।'
रवि किशन के इस रैप सांग का इस्तेमाल यूपी चुनाव प्रचार के लिए हो रहा है। रवि किशन भगवा धारण किए हुए अपने अंदाज में ‘हर हर महादेव’ ही करते नजर आ रहे हैं। गीत के बोल हैं- जे कब्बो न रहल अब बा, यूपी में सब बा। इस गीत में अयोध्या राम मंदिर और काशी कॉरिडोर से लेकर पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, फर्टिलाइजर, गोरखपुर एम्स जैसी उपलब्धियों का जिक्र है। माफिया के खिलाफ कार्रवाई, गरीबों को राशन जैसी सरकारी योजनाओं को बताया जा रहा है।
'UP में काबा' गाने पर ट्रोल हुई नेहा, आईं LIVE
इस गाने को लेकर रवि किशन ने गोरखपुर में कहा था कि आप सभी लोगों के बीच लेकर के आ रहा हूं, विकास और जीत का गीत। इसमें विश्वास है, भावनाएं है, विचार है, इतिहास है, सपने है। भाजपा और योगी महाराज के जोरदार समर्थन के खातिर..!
उत्तर परदेश में चुनाव अइले पास.. जनता नेता जी से पूछिहअ केने बड़ुए विकास..?
आइए आपको नेहा के गीत के शब्दबाणों के बारे में बताते हैं। नेहा ने गाया है, 'उत्तर परदेश में चुनाव अइले पास.. जनता नेता जी से पूछिहअ केने बड़ुए विकास..?' उन्होंने दुष्कर्म पर भी सवाल भी उठाया है और पूछा है कि न्याय होई कहिया? 'देह नोचवन के बाटे खदिए में बास... जनता नेता जी से पूछिहें केने बड़ुए विकास?' 'उत्तरप्रदेश के गोरखपुर, कुशीनगर, मिर्जापुर, जौनपुर, देवरिया में 24 घंटा बिजुरी के आस तकास...जनता नेता जी से पूछिहें , केने बड़ुए विकास...'।
'साइकिल पे टोटी लेकर चोरवा पड़इले.. गाजीपुर के रोडवा पे खड़े औंधइले...।' कुल मिलाकर इस गीत को देखा जाए तो नेहा यही कह रही हैं कि जनता इस बार नेता जी से पूछिएगा आखिर विकास कहां है।
कुछ दिनों पहले ही नेहा ने केन्द्र सरकार के निजीकरण का विरोध-गीत गाया था- 'सत्तर बरस के मोरे सहजल गहना माटी में मिलवलस मरद माटीलगना। नहिअर के निशानी हमर दूनो हाथ के कंगना कोइला के भावे बेचला मुंहझौसवना....करनी-धरनी तेरह- बाइस, खाली गलबजवना...। इस गीत में उन्होंने गाया था-बाप दादा के संपत्ति बिलवा के मानी बेचना...।' अब देखना होगा कि दो भोजपुरिया गीतकारों की ये सुरीली लड़ाई यूपी चुनाव में आखिर क्या रंग लाती है।
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