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डाउनलोड करेंलखनऊ में शनिवार को घर में घुसकर रेलवे ठेकेदार की हत्या कर दी गई थी। मामले में पहली पत्नी समेत पांच लोगों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। 15 दिनों पहले पहली पत्नी ने घर आकर ठेकेदार को देख लेने की धमकी दी थी। पुलिस हत्या के पीछे पारिवारिक रंजिश और रेलवे ठेकेदारी में वर्चस्व की लड़ाई को वजह मान रही है। दूसरी पत्नी की तहरीर पर पहली पत्नी प्रियंका, उसके रिश्तेदार बिट्टू और 2019 में ठेकेदार पर हुए हमले के मुख्य आरोपी फिरदौस के खिलाफ केस दर्ज हुआ है।
शनिवार को दिन में रेलवे ठेकेदार वीरेंद्र ठाकुर को 3 बदमाश बदमाशों ने घर में घुसकर गोली मार दी थी। वहीं, चौथा घर के बाहर खड़ा था। चारों हमलावरों में से 2 बिहार पुलिस की वर्दी में थे और 1 सफेद पैंट, टी-शर्ट में आर्मी की कैप लगाए थे।
नाम बदलकर रह रहा था ठेकेदार
वीरेंद्र ठाकुर की यूपी से बिहार तक रेलवे ठेकों में वर्चस्व को लेकर कई लोगों से रंजिश थी। बिहार के नरकटियागंज में 2014 में शंभूराम की हत्या में उसका नाम आया था। इस मामले में जमानत मिलने के बाद से वह लखनऊ में नाम बदल कर रह रहा था। इसका खुलासा तब हुआ, जब पुलिस ने 2019 में ठेकेदार पर हुए हमले की विवेचना की। इस हमले का मुख्य आरोपी शादाब अख्तर उर्फ फिरदौस, मिक्ताउल, माही और उसकी मां मिराज खातून थे। तब पता चला था कि उसका असली नाम गोरख ठाकुर है। बिहार में उसके खिलाफ करीब दो दर्जन मामले दर्ज हैं। पुलिस और विरोधियों से बचने के लिए नाम बदलकर रह रहा था।
रीढ़ की हड्डी में लगी थी गोली
पुलिस का मानना है कि पश्चिम बंगाल से लेकर बिहार तक कई ठेके वीरेंद्र के पास थे। बेतिया में एक करोड़ 29 लाख रुपए के ठेके को लेकर ही उस पर हमला हुआ था। 2019 में हुए इस हमले में रीढ़ की हड्डी में गोली लगने से उसे लकवा हुआ और वह बिस्तर पर आ गया था।
बिहार के बेतिया में नगर पालिका परिषद के ठेके का विवाद भी सामने आया था। जीआरपी ने दो महिलाओं समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। मुख्य आरोपी फिरदौस ने ठेके पर कब्जा करने के लिए वीरेंद्र पर हमला करने की बात कबूल की थी। इस बार भी वह नामजद आरोपी है।
पुराने मामले के हमलावरों की तलाश में दबिश
ADCP पूर्वी एसएम कासिम आब्दी ने बताया कि वीरेंद्र की दूसरी पत्नी की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। कई संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है। वीरेंद्र के पुराने आपराधिक रिकॉर्ड को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। ऐसे में अन्य रंजिशों की जानकारी भी जुटायी जा रही है। 2019 में हुए हमले के आरोपियों की भी गिरफ्तारी के लिए पुलिस दबिश दे रही है।
पहली पत्नी ने 15 दिन पहले दी थी धमकी
कैंट थाने के नीलमथा इलाके में वीरेंद्र ठाकुर पहली पत्नी प्रियंका के घर छोड़कर जाने के बाद दूसरी पत्नी खुशबून तारा, तीन बेटों अंश, ऋषि कुमार और अभिषेक के साथ रहते थे। तीनों बच्चे पहली पत्नी प्रियंका के हैं। दूसरी पत्नी ने पुलिस से कहा है कि पहली पत्नी प्रियंका घर और वीरेंद्र के कुछ ठेकों पर कब्जा करना चाहती है।
जनवरी से ले रखे थे निजी सुरक्षा गार्ड
पुलिस के मुताबिक, वीरेंद्र ने अपने ऊपर हमले की आशंका पर जनवरी में ही एक निजी सुरक्षा गार्ड रखा था। उसके अगले महीने तीन और रख लिए। घटना के वक्त तीन ही सुरक्षा कर्मी मौजूद थे। सुरक्षा गार्ड ने ही दरवाजा खोला, लेकिन उन्होंने उनका कोई विरोध नहीं किया।
पत्नी ने पुलिस को बताया कि गेट खोलने के बाद गार्डों ने हत्यारों के डर से अपने हथियार मेज के नीचे रख दिए। उनके जाते ही अपने हथियार लेकर सुरक्षा गार्ड भाग गए। वीरेंद्र ने चारबाग में हुए हमले के बाद बीमारी और सुरक्षा के चलते खुद को घर तक ही सीमित कर लिया था। पूरा काम फोन से ही कर रहा था।
घर में CCTV लगवाने के साथ ही उसने बाउंड्रीवॉल पर कंटीले कील लगवा रखे थे। ताकि कोई अंदर न दाखिल हो सके। वह अपने कमरे से कैमरों से आने जाने वालों पर नजर रखता था। पुलिस के मुताबिक, सुरक्षाकर्मी बिना वीरेंद्र की अनुमति के दरवाजा नहीं खोलते थे। यहां तक कि मोहल्ले में किसी से नहीं मिलते थे।
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