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डाउनलोड करेंआरक्षण की मांग विधान सभा चुनाव के साथ बढ़ने लगी है। रविवार को आरक्षण बचाओं संघर्ष समिति के सदस्यों ने आरक्षण की मांग को लेकर शपथ लिया। पावर कॉर्पोरेशन के फिल्ड हॉस्टल में आरक्षण समर्थक कर्मचारियों ने सभी राजनीतिक दलों के सामने मांग पथ रखा।
आठ लाख कार्मिकों का कहना है कि जो दल इन मांगों को अपने घोषणापत्र में शामिल करेगा, उसकी वो सरकार बनायेंगे। ऐलान किया है कि इस बार आरक्षण का समर्थन करने वाले दल की ही सरकार बनेगी। साथ ही दावा किया है कि प्रदेश में सत्ता की गारंटी बन चुकी 86 सुरक्षित विधानसभा सीटों पर उसी दल का राज चलेगा जो उनकी बात को सुनेगा और अपने घोषणापत्र में शामिल करेगा।
समिति के संयोजक अवधेश वर्मा ने कहा कि विधान सभा चुनाव-2022 के लिए सभी राजनीतिक दलों के लिए अपना खुला मांग पत्र जारी किया गया है। इसमें प्रस्तावित तीन मांगों में अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के कार्मिकों के लिए पदोन्नति में आरक्षण लागू करना, पिछड़े वर्ग के कार्मिकों के लिए पदोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था बहाल करना और निजी क्षेत्रों में सरकारी क्षेत्र की तरह आरक्षण की व्यवस्था लागू करना प्रमुख है।
मांगों को शामिल करने की मांग
संघर्ष समिति ने राजनीतिक दलों से कहा कि वह अपने को दलित व पिछड़े वर्ग का हितैषी कहते हैं, यदि सच्चे मायने में उनके हितैषी हैं तो संघर्ष समिति के खुले मांग पत्र में प्रस्तावित तीनों मांगों को अपने घोषणा पत्र शामिल करें। वहीं प्रदेश के 8 लाख आरक्षण समर्थक कार्मिकों ने फिर हुंकार भरी और कहा इस बार प्रदेश में हर हाल में आरक्षण समर्थकों की सरकार बनाना है। वह दिन दूर नहीं जब सभी राजनीतिक दलों की यह मजबूरी होगी कि वह 85 प्रतिशत बहुजनों की आवाज पर उनके साथ खड़े हों, अन्यथा उन्हें आरक्षण समर्थक वोट की चोट से करारा जवाब देंगे। ऐसे में इस बार आरक्षण समर्थकों ने तय किया है कि जो हमारी बात पर खरा नहीं उतरता उसे हमारा प्रतिनिधि बनने का कोई अधिकार नहीं है। ‘‘जो हम सब की बात करेगा वही विधान सभा में राज करेगा‘‘ यही संघर्ष समिति का नारा है।
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