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किसान खेतों में गोबर की खाद का प्रयोग बढ़ाएं:लखीमपुर खीरी में वैज्ञानिक ने कहा-रसायन को करें कम,इससे जमीन की उर्वरा शक्ति हो रही कम

लखीमपुर-खीरीएक वर्ष पहले
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लखीमपुर खीरी में पारादीप कंपनी ने उप-विक्रेता एवं किसान गोष्ठी का आयोजन किया। इसमें कंपनी ने बताया कि उत्तर प्रदेश में 84 फीसदी रसायनिक उर्वरक डाले जाने से उनके ऊपर की क्षमता खत्म हो गई है। खेतों से मित्र बैक्टीरिया समाप्त हो चुकी है, जो फसल को बढ़ाने में अच्छी भूमिका निभाती थी।

कीटनाशक और खाद का प्रयोग करना चाहिए

कंपनी के अधिकारी नीरज यादव ने बताया कि खेती में सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि किस समय किस चीज की कमी है। उसी के अनुपात में कीटनाशक और खाद का प्रयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि गोबर की खाद पर्याप्त मात्रा में खेतों में नहीं पड़ पाती है। किसान रसायन के सहारे ही पूरी खेती कर रहे हैं। इससे जमीन की उर्वरा शक्ति समाप्त हो रही है।

शूज पोषक तत्व भी मौजूद रहते हैं

कंपनी के मार्केटिंग डेवलपमेंट अधिकारी रोहित यादव ने बताया कि पारादीप फर्टिलाइजर ने जैविक खाद भू-मित्रा बनाया है। यह एक जैविक खाद है, जो भूमि की प्रथम पूर्ण सुरक्षा करती है। भू-मित्रा फसलों में जैविक कार्बनिक पदार्थ की उपलब्धता सुनिश्चित करता है। इसमें मुख्य पोषक तत्वों के अतिरिक्त शूज पोषक तत्व भी मौजूद रहते हैं। भू मित्रा किसानों को जैविक कार्बन का सबसे सस्ता स्रोत है। मृदा के हवा ऑक्सीजन की आपूर्ति तथा जल धारण करने की क्षमता में वृद्धि करता है।

फसलों की गुणवत्ता तथा उत्पादन में वृद्धि होती

बताया कि यह सूखे तथा जलजमाव की प्रतिकूल परिस्थितियों से लड़ने की फसलों को शक्ति प्रदान करता है। फलों की पोषक तत्वों को उपयोग करने की क्षमता को बढ़ाता है। जिससे फसलों की गुणवत्ता तथा उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि होती है। इस दौरान किसानों को सम्मानित भी किया गया। साथ ही मूसाराम, शिवराम दास फर्म से गोविंद अग्रवाल समेत सैकड़ों किसान उपस्थित रहे।