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डाउनलोड करेंमंझरा पूरब जंगल के बाघ की खोजबीन के लिए वन विभाग ने चंपाकली और जयमाला हथिनी को जंगल भेजा है। इसके अलावा हिंसक बाघ को ट्रेंकुलाइज किए जाने की तैयारी शुरू हो गई है। विभाग के अधिकारियों ने प्रधान परगट सिंह के आवास पर बैठक कर ग्रामीणों को जानकारी दी है।
वन विभाग पहले चेत जाता तो शायद डेढ़ दर्जन से अधिक लोगों को बाघ अपना निवाला नहीं बनते
मंझरा पूरब जंगल के बाघ ने श्री राम जानकी मंदिर के पुजारी बाबा मोहन दास को मार डाला था जिससे गुस्साए ग्रामीणों ने शनिवार को सड़क जाम कर बाघ से सुरक्षा का पक्का बंदोबस्त किए जाने की मांग की थी। अधिकारियों ने इसे गंभीरता से लिया और प्रधान परगट सिंह के आवास पर डीएफओ सुंदरेशा, फील्ड डायरेक्टर/वन्यजीव संरक्षक संजय पाठक , पीसीसीएफ टाइगर प्रोजेक्ट चीफ कमलेश कुमार , रेंजर विमलेश कुमार ने ग्रामीणों से कहा की बाघ की तलाश में कर्तनिया वन्यजीव रेंज की प्रशिक्षित हथिनी चंपाकली और जयमाला को जंगल में कांबिंग के लिए लगा दिया गया है। ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए वनाधिकारियों ने वन विभाग की टीम को निर्देशित करते हुए कहा की कोई कोताही न बरती जाए ग्रामीणों का मानना है कि लगभग 20 लोगों की मौत इस हिंसक बाघ से हो चुकी है यदि सरकार और वन विभाग पहले चेत जाता तो शायद डेढ़ दर्जन से अधिक लोगों को बाघ अपना निवाला नहीं बना पाता।
सक बाघ को वन विभाग ट्रेंकुलाइज कर शोध के लिए शोध घर में भेजेगा
सूत्रों के मुताबिक बाघ को ट्रेंकुलाइज करने की परमिशन वन विभाग द्वारा उत्तर प्रदेश पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ चीफ से मांगी है सब कुछ ठीक रहा तो बहुत जल्द हिंसक बाघ को वन विभाग ट्रेंकुलाइज कर शोध के लिए किसी शोधघर में भेजेगा। इस अवसर पर ग्राम प्रधान परगट सिंह, मझरा पूरब के ग्राम प्रधान रामपाल भगवान सिंह, चंदन सिंह, अवतार सिंह, करनैल सिंह, राजवीर सिंह, गुरमीत सिंह, कुलविंदर सिंह, नछत्तर सिंह सहित तमाम ग्रामीण मौजूद रहे। इधर रेंजर विमलेश कुमार ने लोगों से अपील की है कि सब सतर्कता के साथ जंगल किनारे खेतों में कई लोग एक साथ मे जाएं और हल्ला मचाते हुए जाएं ।
घटना नम्बर 1- 26 सितंबर को हिंसक पशु ने चंदन पर हमलाकर उसे मार डाला
26 सितंबर की सुबह धौरहरा वनरेंज और ईसानगर थाना क्षेत्र में घाघरा नदी के पार की ग्राम सभा बेलागढ़ी के मजरा साहबदीन पुरवा के नेकराम भार्गव का बेटा चंदन (13) घास काटने खेत में गया था। जहां छिपे हिंसक पशु ने चंदन पर हमलाकर उसे मार डाला। आसपास के खेतों में मौजूद किसानों ने चंदन की चीखें सुनी तो वे लाठी डंडे लेकर दौड़ पड़े। तब हिंसक पशु चंदन का शव छोड़ कर भाग गया। हमलावर पशु की बाबत कुछ ग्रामीण बाघ होने की बात कह रहे थे तो कुछ इसे तेंदुआ बता रहे थे। ग्रामीणों का कहना था कि उन्होंने भागते पशु की एक झलक देखी थी।
घटना नम्बर 2 - भोजन लेकर जा रही लड़की पर हमला
धौरहरा वनरेंज के चकदहा गांव में तेंदुए ने पिता के लिए भोजन लेकर जा रही लड़की पर हमला किया। हमले में लड़की बाल बाल बच गई। जिसके चीखने पर ग्रामीणों ने सतर्क होकर तेंदुए को खदेड़ दिया।
घटना नम्बर 3 - 14 सितंबर को बारह साल के ब्रजेश को हमला कर मार दिया
14 सितंबर को धौरहरा वन क्षेत्र के गांव चकदहा में देर रात को घर से बाहर खेल रहे बारह साल के ब्रजेश को किसी हिंसक जानवर ने हमला कर उसे मार दिया था।बाद में परिजनों ने बालक का अधखाया शव बरामद किया था।सूचना के बाद अगले दिन सुबह चकदहा गांव पहुचीं वन विभाग की आठ सदस्यीय टीम ने मृतक के परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान की।
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