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डाउनलोड करेंलंबे इंतजार के बाद बुधवार को मानसून मेहरबान हो गया। झमाझम बारिश से किसानों के चेहरे पर मुस्कान ला दी है। जहां बारिश ने उमस भरी गर्मी को भी धो डाला। वहीं सुबह से खेत पर पहुंचकर किसानों ने बुवाई का काम शुरू किया। जिससे सूखे बीत रहे खरीफ सीजन से निराश किसानों के चेहरे खिल गए।
वहीं झमाझम बारिश से लोगों को गर्मी व उमस से राहत मिल गई। लंबे समय बाद बारिश ने लोगों को सुखद अहसास कराया है। भीषण गर्मी की वजह से जिन खेतों में धान नहीं लगे थे वह आज धान लगाने की तैयारियां कर रहे हैं।
जून में लगाई गई खरीफ की फसलों के लिए फायदा
जून के शुरू से प्री मानसून बारिश जैसे ही शुरू हुई वैसे ही किसानों ने खेतों में मूंगफली, तिली, अरहर, धान, उड़द, मूंग की बुवाई कर दी । अचानक मानसून की दिशा बदल जाने से बारिश रूठ गई, जिससे खेतों में पड़े बीज और छोटे-छोटे पौधे सूखने लगे । कई ऐसे किसान भी थे जो पानी न गिरने के कारण बुवाई नहीं कर पा रहे थे। वे बारिश होते ही बुवाई में जुट गए हैं।
धान और गन्ने की फसल सूख रही थी
किसान बाबूराम , तन्नू यादव , परमहंस , वीरेन्द्र चंदेल , संजय, ने बताया कि बारिश न होने से धान और गन्ने की फसल सूख रही थी । ऐसे में बिजली के मोटर कनेक्शन हैं। उन्होंने तो सिंचाई कर ली थी, लेकिन खेत में पानी के लिए जो पम्पिंग सेट पर निर्भर थे उनके लिए खेत में पानी लगाना मुश्किल हो रहा था । बारिश होने से चेहरे पर खुशी तो है लेकिन इस प्रकार की बारिश लगातार दो से तीन दिन हो तो ठीक है । क्षेत्र में किसान कुकरा, पहाड़पुर, बसलीपुर, चौधीपुर, लैलूननगर, खंजनपुर आदि जगह पर अब धान की पौध लगाने जा रहे हैं ।
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