पाएं अपने शहर की ताज़ा ख़बरें और फ्री ई-पेपर
डाउनलोड करेंतमकुहीराज क्षेत्र के अधिकांश उप स्वास्थ्य केंद्रों पर एएनएम के रात्रि निवास नहीं करने, उपकेंद्र पर सामान्य प्रसव की सुविधा होने के बावजूद निजी अस्पतालों में मरीजों को प्रसव के लिए प्रेरित करने का आरोप लगाए जा रहे हैं। स्वास्थ्यकर्मी निजी अस्पतालों में प्रसव कराने के बावजूद उपकेंद्र पर प्रसव होना बता कर जननी सुरक्षा का लाभ दिला रहे हैं।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तमकुही में 29 उपकेंद्र हैं। जहां गर्भवती की जांच एवं टीकाकरण की व्यवस्था है। इनमें से 16 उपकेंद्रों पर सामान्य प्रसव कराने की सुविधा भी है। इसके लिए विभाग से आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं। जच्चा बच्चा की स्वास्थ्य संबंधी सारी जानकारी रखने एवं सरकारी योजनाओं को उनके पास तक पहुंचाने के लिए 43 एएनएम एवं 250 आशा कार्यकर्ताओं को तैनात किया गया है।
प्रसव के नाम पर हो रहा शोषण
सरकार की मंशा है कि इस व्यवस्था से जहां सुरक्षित प्रसव का लाभ मिलेगा, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में जच्चा-बच्चा को असामयिक मौत से बचाया जा सकेगा, लेकिन यह सुविधा अधिकांश जगहों पर हवा-हवाई ही साबित हो रही है। एएनएम व आशा कार्यकर्ताओं की मिलीभगत से गर्भवती महिला को प्रसव के लिए निजी अस्पतालों में भेज दिया जाता है, जहां उनका आर्थिक शोषण तो होता ही है। अनाधिकृत लोगों द्वारा प्रसव कराया जा रहा है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक नहीं है जानकारी
क्षेत्र के नगनारायण सिंह, महातम कुशवाहा, राजकिशोर प्रसाद, सूरज गुप्ता, नंदू प्रसाद, अनिरूद्ध आदि का कहना है कि सरकार की मंशा पर पानी फेर रही एएनएम एवं आशा कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं इस संबंध में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक आरके गुप्ता का कहना है कि एएनएम एवं आशा कार्यकर्ताओं द्वारा निजी अस्पतालों में प्रसव कराने के लिए प्रेरित करने की जानकारी नहीं है। लिखित जानकारी मिलने पर संबंधित के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.