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डाउनलोड करेंकुशीनगर को सरकार सोलर पंप की सौगात देने वाली थी, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से जिले को सोलर पंप का लक्ष्य और बजट नहीं मिला। पंप के लिए किसान विभाग का चक्कर लगाने को मजबूर हैं। किसानों को सोलर पंप पहले आओ पहले पाओ के आधार पर 60 फीसदी अनुदान पर प्राप्त हो रहा है।
किसानों के लिए है फायदेमंद
किसानों को दो, तीन और पांच एचपी का सोलर पंप 60 फीसदी अनुदान पर प्राप्त होता है। यह सोलर पंप एसी और डीसी दोनों तरह का होता है। किसानों के फसलों की सिंचाई के लिए सोलर पंप बहुत ही उपयोगी साबित होता है। सूर्य की किरणों से चलने वाले सोलर पंप से फसलों की सिंचाई बेहतर तरीके से की जाती है। सोलर पंप छोटे किसानों के लिए भी कारगर साबित होता है।
योजना का लाभ नहीं मिलने से किसान परेशान
नए वित्तीय वर्ष में सोलर पंप का बजट और लक्ष्य निर्धारित नहीं होने के कारण किसान परेशान हैं। किसान सोलर पंप के लिए जिला कृषि अधिकारी और उप कृषि निदेशक कार्यालयों का चक्कर लगाने को मजबूर हैं।
किसानों का कहना है कि अनुदान के बाद लगने वाली धनराशि की व्यवस्था काफी मेहनत के बाद की थी, लेकिन सोलर पंप का नहीं मिलने का काफी मलाल है। कृषि विभाग के जिम्मेदारों का कहना है कि कोरोना के चलते सोलर पंप के उपकरण का उत्पादन प्रभावित हुआ है। इसके चलते सोलरपंप का लक्ष्य और बजट जारी नहीं हो सका है।
क्या है सोलर पंप योजना
प्रदेश सरकार द्वारा कृषिक्षेत्र को विकसित करने के उद्देश्य से सोलर पंप योजना का शुभारंभ किया गया। प्रदेश के 10 हजार गावों में इस सोलर पंप को लगाने की योजना बनायी गई है। जिसमें एक सोलर पंप के जरिए कई किसानों की समस्याओं का समाधान होगा। इस योजना का लाभ उप्र में रहने वाले किसानों को दिए जाने का प्रावधान है।
सरकारी एजेंसियों से कराई जाएगी बोरिंग
योजना के तहत किसानों को 2 से 3 हॉर्स पावर के सोलर पंप पर 70 फीसदी और 5 हॉर्स पावर सोलर पंप पर 40 फीसदी तक सब्सिडी किसानों को प्रदान की जाएगी। इससे किसानों की सिंचाई व्यवस्था में बदलाव के साथ सोलर पंप पर किसानों को अधिक खर्च की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।
बिजली की किल्लत वाले इलाकों में सोलर पम्प लगाकर सरकारी एजेंसियों से बोरिंग भी कराई जाएगी। इस तरह से एक गांव में सोलर पंप लगाने से कई किसानों को राहत मिल सकेगी।
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