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डाउनलोड करेंलगभग 32 किलोमीटर लंबे सेवरही-तुर्कपट्टी वाया कसया मार्ग पर रोडवेज बस का संचालन न होने से यात्रियों को दिक्कतें हो रही हैं। यात्रियों को डग्गामार वाहनों का सहारा लेना पड़ता है। इससे न सिर्फ अक्सर मनमाना किराया वसूली का मामला सामने आया है, बल्कि यात्रियों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ भी हो रहा है। लोगों ने जिला प्रशासन के साथ ही परिवहन निगम से इस मार्ग से सरकारी बसों के संचालन की मांग की है।
मौजूदा समय में कोई राजकीय परिवहन सेवा नहीं
बुद्ध नगरी कुशीनगर,कसया से तुर्कपट्टी होते हुए सेवरही जाने वाले मार्ग पर मौजूदा समय में कोई राजकीय परिवहन सेवा नहीं है।इस सड़क पर तमकुही रोड, बभनौली, राजापाकड़, गुरवलिया,नोनिया पट्टी, छहूँ, बसडीला,सपहा, कई प्रमुख बाजारों के अलावा तीन से अधिक छोटी-छोटी बाजार हैं। बभनौली में देश स्तर का गन्ना प्रजनन व अनुसंधान केंद्र, कृषि विज्ञान केंद्र, राजापाकड़ के बहुरिया टोला में हनुमान सरोवर, तुर्कपट्टी में सूर्य मंदिर है जहां प्रतिदिन इस मार्ग से हजारों नागरिक आवागमन करते हैं। इस क्षेत्र के लोगों को कहीं जाना हो तो पहले उन्हें डग्गामार वाहनों की मदद लेकर या तो नजदीकी स्थान फाजिलनगर या सेवरही पहुंचना पड़ता है।
अतिरिक्त भाड़ा खर्च करने के साथ ही समय की भी बर्बादी होती है
ऐसे में नागरिकों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। अतिरिक्त भाड़ा खर्च करने के साथ ही समय की भी बर्बादी होती है। इस मार्ग पर चलने वाली टैक्सी पर्याप्त सवारी मिलने के बाद ही यात्रा शुरू करती हैं। इससे यात्रियों को घंटों टैक्सी स्टैंड पर ही बैठकर समय गुजारना पड़ता है। आवागमन व आबादी के लिहाज से महत्वपूर्ण होने के बावजूद मौजूदा समय में इस मार्ग पर किसी सरकारी बस का संचालन नहीं होता है। नीरज शाही, नंदलाल तिवारी का कहना है कि यदि इस मार्ग पर सरकारी बसों का संचालन किया जाए तो न सिर्फ हजारों नागरिकों को सुचारु आवागमन का लाभ मिलेगा, बल्कि राजस्व लाभ भी बड़े पैमाने पर होगा।
कुशीनगर एआरएम बिंदु प्रसाद ने कहा कि सेवरही-तुर्कपट्टी वाया कसया मार्ग पर अंदर अंदर रोडवेज बस के लिए डिमांड प्राप्त हुआ है। बसें कम होने के वजह से इस रूट के लिए कोई स्पेशल अनुबंधित बस का संचालन नही हो पा रहा है। बसों का अनुबंधन क्षेत्रीय प्रबंधक द्वारा ही किया जाता है।
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