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डाउनलोड करेंकौशांबी में धान की उपज बेचने के इंतजार मे हजारों की संख्या मे किसानों का धान खरीद केंद्र मे भीग कर अंकुरित हो गया है। ऐसे मे अन्नदाता अब खरीद मानक के मकड़जाल मे फस खुले आसमान के नीचे इंतजार की घड़िया गिन रहा है। आरोप है कि केंद्र प्रभारी नियमो व मानक का हवाला देकर धान की खरीद नहीं रहे। नतीजतन बरसात मे उनकी उपज आंखो के सामने बरसात मे भीग गई। अब खरीद न होने पर धान कि उपज उनके लिए पशु चारे लायक भी नहीं बचेगी। जबकि सरकार के आकड़ों मे बरसात के दिनो मे भी केन्द्रो मे बम्पर खरीद की बात सामने आई है।
बनाए गए थे 37 खरीद केंद्र
खाद्य एवं विपरण विभाग ने धान खरीद के लिए 37 केंद्र बनाए थे। जिनमे 15 केन्द्रो की खरीद बंद हो चुकी है। मौजूदा समय मे 22 केंद्र संचालित है। जिनमे जिले धान की उपज करने वालो के किसानो के धान की खरीद कि जा रही है। केन्द्रो पर भगवान भरोसे व्यवस्था संचालित है। आरोप है कि किसान अपनी उपज बेचने के इंतजार मे डेढ़ माह से केंद्र पर बैठा इंतजार कर रहा है। केंद्र प्रभारी मानक का हवाला देकर धान खरीद मे हीला-हवाली कर रहे है।
1507 क्विंतल धान की ऑफलाइन हुई खरीद
खाद्य शाखा केंद्र के आकड़ों मे बरसात के दिनो मे किसानो ने अपनी उपज बेची है। जिसमे 1507 कुंतल धान की खरीद ऑफ लाइन कर ली गई। केंद्र प्रभारी राकेश चौरसिया ने बताया, बरसात मे जिन किसानो के धान मानक मे पाये गए उनकी खरीद की गई। आफ लाइन खरीद किए जाने के सवाल पर वह चुप्पी साध गए।
बरसात में भीगा हजारों क्विंतल धान
6 जनवरी से 10 जनवारी के बीच हुई बरसात मे सैकड़ो की संख्या मे हजारो कुंतल धान बरसात मे भीग गया। नतीजतन बोरियों मे बेचने के लिए रखा गया धान बदइंतजामी के चलते भीग गया। अब धान बोरियों मे अंकुरित हो गया। सरकारी सिस्टम और मौसम की मार झेल रहा किसान अपनी किस्मत का रोना खरीद केंद्र पर रो रहा है।
डिप्टी आरएमओ बोले- ऑफलाइन खरीद की नहीं है व्यवस्था
डिप्टी आरएमओ आंसुमाली शकर ने बताया, खरीद केंद्र पर आफ लाइन खरीद का नियम नहीं है। यदि ऐसा हुआ है तो जाँच कराई जाएगी। जिन किसानो के धान बरसात मे भीगे है उन्हे सुखाने का मौका देकर खरीद कराई जाएगी।
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