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डाउनलोड करेंकानुपर में एक दिन पहले जांच के दौरान मिले 50 लाख रुपए का बसपा प्रमुख मायावती के करीबी और पार्टी के वेस्ट यूपी के प्रभारी शम्सुद्दीन राईन से कनेक्शन सामने आ रहा है। स्कार्पियो से जिस युवक को पुलिस ने नगदी के साथ हिरासत में लिया है, उसकी राईन से कई दौर की बातचीत हुई है। वो राईन का रिश्तेदार भी है।
राईन पर 2 दिन पहले मुजफ्फरनगर के एक बसपा नेता ने टिकट के लिए 67 लाख रुपए देने का आरोप लगाया था। वो थाने पहुंचकर फूट-फूटकर रोया भी था। उसने कहा था कि न तो उसको टिकट मिला और न ही उसका पैसा लौटाया गया। उसने राईन के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई थी। बताया जा रहा है कि एफआईआर के बाद पुलिस राईन की एक्टिविटी पर नजर गड़ाए हुए थी।
टिकट न मिलने पर फूट-फूटकर रोया बसपा नेता: बोला- टिकट के लिए 67 लाख दिए थे, न टिकट मिला न पैसे
दरअसल, शनिवार रात को कानपुर के रामादेवी चौराहे पर चकेरी थाने की पुलिस और प्रशासनिक अफसर वाहनों की जांच कर रहे थे। एक संदिग्ध स्कॉर्पियो को रोककर उन्होंने जांच की तो रुपए से भरा बैग बरामद हुआ। पूछताछ में युवक की पहचान उरई के बजरिया थाने के आमीन राईन के तौर पर हुई। उसने बताया कि उरई की एक फर्म का पैसा है, लेकिन रविवार दोपहर तक इस संबंध में कोई साक्ष्य आयकर विभाग को उपलब्ध नहीं करा सका। फर्म का मालिक भी नहीं पहुंचा। जांच में यह भी सामने आया कि आमीन वेस्ट यूपी के बसपा के पश्चिमी यूपी के प्रभारी शम्सुद्दीन राइन का रिश्तेदार है। फिलहाल, जांच चल रही है और 50 लाख रुपए सीज करके ट्रेजरी में जमा करा दिया जाएगा।
शम्सुद्दीन ने दी सफाई... बसपा नेता शम्सुद्दीन ने अपनी सफाई में एक पत्र जारी किया है। इसमें उन्होंने लिखा है कि जिस कार से 50 लाख बरामद हुआ वह उनके नाम नहीं है। हां, मेरे परिवार के लोग व्यापार करते हैं। उनके पैसों को मुझसे और बसपा से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने पत्र में यह भी साफ किया है कि उनके पारिवारिक सीए पहुंचकर कैश का क्लीयरेंस देंगे। फिलहाल रविवार दोपहर तक कोई थाने नहीं पहुंचा।
एक दिन पहले ही टिकट के नाम पर 67 लाख हड़पने का लगा था आरोप
बसपा नेता के रिश्तेदार की कार से 50 लाख बरामद होने के ठीक एक दिन पहले ही मुजफ्फरनगर की चरथावल सीट से टिकट मांग रहे बसपा नेता अरशद राणा ने कोतवाली थाने में शम्सुद्दीन राईन के खिलाफ तहरीर दी। इतना ही नहीं कोतवाली में फूट-फूटकर रो पड़े। आरोप लगाया कि पार्टी के एक वरिष्ठ शम्सुद्दीन राईन को टिकट के लिए 67 लाख रुपए दिए थे। लेकिन उन्हें विश्वास में लिए बगैर उनका टिकट काट दिया गया। उनके रुपए भी वापस नहीं किए गए। उन्होंने चेतावनी दी थी कि यदि उन्हें इंसाफ नहीं मिला तो वह आत्मदाह करेंगे।
कौन हैं शम्सुद्दीन राईन
बसपा नेता शमसुद्दीन राईनी झांसी के रहने वाले हैं। उनके पिता का नाम निजाम राईनी है। झांसी में उनका सब्जी और फल का कारोबार है। लेकिन शम्सुद्दीन राईन के राजनीति में कदम रखने के बाद पूरे परिवार का काया पलट हो गया। 20 साल की उम्र में ही शम्सुद्दीन बसपा के साथ जुड़ गए थे और एक साधारण कार्यकर्ता के तौर पर अपना सफर शुरू किया था। बूथ अध्यक्ष से होते हुए विधानसभा और फिर जिला संगठन के बाद पश्चिमी यूपी और पांच मंडलों की कमान संभाली। अब राईन करोड़ों के मालिक और बसपा के कद्दावर नेता हैं।
मायावती के सबसे खास कोऑर्डिनेटर हैं शम्सुद्दीन
बहुजन समाज पार्टी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के सियासी समीकरण बनाने में संगठन में बड़ा फेरबदल किया है। ऐसे में बसपा प्रमुख मायावती ने पार्टी के सबसे मजबूत दुर्ग माने जाने वाले पश्चिम यूपी की जिम्मेदारी अपने सबसे अहम सिपहसालार राईन को सौंपी है। राईन बसपा के ऐसे नेता हैं जिनका न तो कोई राजनीतिक बैकग्राउंड और न ही कोई सियासी गॉड फॉदर। इसके बाद भी उन्होंने बसपा में एक साधारण कार्यकर्ता के तौर पर अपना सफर शुरू किया और पार्टी प्रमुख मायावती के सबसे भरोसेमंद कोऑर्डिनेटरों में से एक बन गए।
इस तरह बढ़ता गया शम्सुद्दीन का कद
बसपा की मुखिया मायावती ने शम्सुद्दीन को उत्तर प्रदेश के पांच मंडल के मुख्य सेक्टर प्रभारी के साथ उत्तराखंड के स्टेट कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी सौंपी है। शम्सुद्दीन राईनी के पास सहारनपुर, मेरठ, मुरादाबाद और बरेली के साथ लखनऊ मंडल के सेक्टर-2 की जिम्मेदारी रहेगी। इसके अलावा वह उत्तराखंड की भी पूरी जिम्मेदारी दी गई है।
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