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डाउनलोड करेंकानपुर पुलिस पर रेप और हत्या के हाईप्रोफाइल केस में रसूखदार आरोपी प्रतीक वैश्य को बचाने का आरोप लगा है। 21 सितंबर को कल्याणपुर थाने की पुलिस ने प्रतीक को उसके फ्लैट से गिरफ्तार किया था, लेकिन FIR में उसकी गिरफ्तारी फ्लैट से कई किमी दूर बिठूर तिराहा से दिखाई है। पीड़िता की अधिवक्ता सीमा समृद्धि का कहना है कि कल्याणपुर थाना प्रभारी ने रसूखदार आरोपी को बचाने के लिए ऐसा किया है।
हाईप्रोफाइल परिवार से होने के चलते पुलिस पर आरोपी की मदद का आरोप
कल्याणपुर के इंदिरा नगर निवासी डेयरी संचालक प्रतीक ने 21 सितंबर को अपनी पीए का रेप करने के बाद उसे 10वीं मंजिल से फेंक दिया था। इसके बाद पीए की मौत हो गई थी। मामले में दो घंटे बाद ही आरोपी को उसके माता-पिता के फ्लैट से गिरफ्तार कर लिया गया था। पीड़िता की वकील सीमा समृद्धि ने बताया कि पुलिस आरोपी प्रतीक वैश्य को बचाने के लिए केस को कमजोर कर रही है।
उनका कहना है कि आरोपी की गिरफ्तारी बिठूर तिराहे से दिखाने से उसे फायदा मिलेगा और केस कमजोर होगा। सीमा ने कहा कि वे जांच में लापरवाही करने वाले थानेदार पर कार्रवाई के लिए पुलिस कमिश्नर से शिकायत करेंगी। वहीं, एडीसीपी वेस्ट बृजेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि अगर लिखा-पढ़ी में गड़बड़ी की है तो इसकी जांच की जाएगी। इसके बाद दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई होगी।
क्यों आरोपी को मिलेगा इस गड़बड़ी का फायदा
थाना प्रभारी समेत 10 पुलिस अफसरों ने की थी गिरफ्तारी
पुलिस की लिखा-पढ़ी की मानें तो थाना प्रभारी वीर सिंह के साथ ही इंस्पेक्टर धर्मेंद्र सिंह, दरोगा सुभाष बाबू, अरुण कुमार सिंह, देवी शरण सिंह, विजय सिंह, हेड कांस्टेबल ललित कुमार, कांस्टेबल अभिषेक कुमार, अखिलेश कुमार और हरिओम ने आरोपी प्रतीक को बिठूर तिराहे से दबोचा था। जबकि यह सभी गिरफ्तारी के दौरान इंदिरा नगर के गुलमोहर रेजीडेंसी अपार्टमेंट में मौजूद थे। इस दौरान एसीपी दिनेश शुक्ला और एडीसीपी बृजेंद्र श्रीवास्तव भी थे।
पुलिस ने धाराओं में भी किया खेल
पीड़ित की अधिवक्ता सीमा समृद्धि ने बताया कि पुलिस ने एफआईआर में रेप की धारा-376 के साथ ही छेड़छाड़ की धारा 354-क भी लगाई है। अगर एफआईआर में रेप जैसी बड़ी धारा-376 लगा दी गई थी तब उसमें छेड़खानी लगाने की कोई जरूरत नहीं थी।
पीड़िता की वकील का कहना है कि पुलिस ने केस को कमजोर करने के लिए रेप के साथ छेड़खानी की भी धारा लगाई है। आरोपी प्रतीक वैश्य को कोर्ट में इसका भी फायदा मिलेगा और पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलाने में मुश्किल बढ़ेगी।
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