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डाउनलोड करेंबेंगलुरु में बैठे जालसाजों ने कानपुर के फुटवियर कारोबारी से 3 करोड़ की ठगी कर ली। सर्विलांस की मदद से पुलिस ने एक दंपति समेत 4 आरोपियों को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया। पूछताछ में दिल्ली, लखनऊ, कानपुर समेत कई शहरों के 3 हजार लोगों से 2 हजार करोड़ की ठगी सामने आई। टेली कॉलिंग के जरिए लोगों को संपर्क करके प्रॉपर्टी में निवेश करने के लिए कहा जाता था। जालसाज सिर्फ 6 महीने में निवेश की गई रकम को दोगुना करने का झांसा देते थे।
डीसीपी वेस्ट बीबीजीटीएस मूर्ति के मुताबिक शास्त्री नगर के लकी फुटवियर कारोबारी हैं। एम्बिडेन्ट मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजर ने उनसे संपर्क किया। प्रॉपर्टी में निवेश करने की पेशकश की। प्रलोभन दिया कि अगर वह प्रॉपर्टी नहीं लेते हैं, तो सिर्फ 6 महीने में निवेश दोगुना कर देंगे। लकी ने प्रॉपर्टी में 3 करोड़ रुपए निवेश किए।
उन्होंने इंतजार किया। न तो उन्हें जमीन मिली, न ही निवेश किए गए रुपए। दिए गए नंबरों पर संपर्क करने पर उन्हें सटीक जवाब भी नहीं मिले। 3 महीने पहले उन्होंने काकादेव थाने में कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई। जांच बजरिया थाना पुलिस के पास गई।
जांच की शुरुआत मोबाइल फोन नंबर और बैंक खातों में ट्रांसफर की गई रकम से हुई। लिंक बेंगलुरु तक जुड़े। इसके बाद एक टीम को बेंगलुरु रवाना किया गया। जालसाजों की लोकेशन हेन्नूर के शक्ति नगर में मिली। छापामारी करके सैय्यद फरीद, सैय्यद आफाक, सैय्यद अम्मार और नबीला मिर्जा को गिरफ्तार किया गया। नबीला मिर्जा और सैय्यद आफाक पति-पत्नी हैं।
बैंक ट्रांजैक्शन करोड़ों में हुए, अब कंपनी बंद करके हो गए फरार
जालसाजों ने बेंगलुरु में एम्बिडेन्ट मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाई। उन्होंने अलग-अलग लोगों को 4 महीने से साल भर में रकम को दोगुना करने का प्रलोभन दिया। सैय्यद फरीद और सैय्यद आफाक के बैंक खातों के जरिए कई ट्रांजेक्शन अलग-अलग शहरों में मिले। इन्होंने ठगी अंजाम देने के बाद कंपनी का दफ्तर भी बंद कर दिया था।
बेंगलुरु में दर्ज हैं 6 मुकदमे, 70 करोड़ की संपत्ति सीज
डीसीपी वेस्ट के मुताबिक 4 आरोपियों के खिलाफ दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं। अभी सिर्फ 6 मुकदमों की डिटेल मिली है। बेंगलुरु में ईडी ने एम्बिडेन्ट मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की 70 करोड़ की सम्पत्ति सीज की है।
बेंगलुरु के थाना डीजे हल्ली में एक ही मुकदमें में 300 लोगों के साथ हुई जालसाजी की जांच चल रही है। सामने आया कि मुकदमा होने के बाद चारों आरोपी ठिकाने बदल-बदलकर छिपे हुए थे।
बेंगलुरु पुलिस से यूपी की जालसाजी के और दस्तावेज मांगे
बजरिया थाना प्रभारी राम मूर्ति यादव, दरोगा मो. खालिद खान, मनमोहन सिंह, कांस्टेबल हरिओम, संजय सर्विलांस टीम डीसीपी पश्चिम, कांस्टेबल जाकिर हुसैन, रिंका देवी, निशा शामिल ने खुलासे में अहम भूमिका निभाई। बेंगलुरु पुलिस से ठगी के शिकार हुए अन्य लोगों की जानकारी भी मांगी गई है, ताकि यूपी में जालसाजी के और मामलों तक पहुंचा जा सके।
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