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डाउनलोड करेंकानपुर जिले में ट्रैक्टर-ट्राली पलटने से हुए हादसे में मतकों के परिजनों से सोमवार को एसडीएम मिलने पहुंचे। उन्होंने बेसुध परिजनों का हाल जाना और उन्हें सांत्वना दी। इसके साध ही उन्होंने परिजनों में फल वितरित किए। इसके अलावा उन्होंने घायलों का हाल जाना और उन्हें बेहतर इलाज का भरोसा दिया।
शनिवार को साढ़ थाना क्षेत्र के गंभीरपुर गांव के पास अनियंत्रित होकर ट्रैक्टर-ट्राली खाई में पलटा गई थी। हादसे में 26 लोगों की मौत हो गई है। जबकि कई लोग घायल हैं। सोमवार की दोपहर एसडीएम प्रशासनिक टीम के साथ मृतकों के गांव कोरथा पहुंचे। यहां उन्होंने परिजनों से मिलकर सांत्वना दी। इसके साथ ही दर्द से कराह रही घायल युवती को एंबुलेंस से सीएचसी पहुंचाया।
एसडीएम ने हर संभव मदद का दिया भरोसा
मत्स्य मंत्री एवं निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद सोमवार सुबह कोरथा गांव पहुंचे। गांव निवासी वीरेंद्र ने बताया कि हादसे में उनके परिवार के छ सदस्यों की मौत हो गई है। कल से घर में चूल्हा नहीं जला है। प्रशासन की ओर से सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है। किसी ने एक बिस्कुट तक नहीं पहुंचाया।
इस पर मंत्री ने एसडीएम को फोन करके मृतकों के परिजनों को खाना उपलब्ध करवाने की बात कही थी। दोपहर में गांव पहुंचे एसडीएम ने मृतक के परिजनों को फल और पानी की बोतल वितरित की है। साथ ही उन्हें तहसील प्रशासन की तरफ से हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।
गांव में बिगड़ी युवती की तबीयत, सीएचसी में कराया भर्ती
कोरथा गांव निवासी राजेश ने बताया कि ट्रैक्टर-ट्राली पलटने वाले हादसे में उसकी बहन सोनिया घायल हो गई थी। उसे भीतरगांव सीएचसी से गंभीर हालत में हैलट अस्पताल रेफर किया गया था। रविवार शाम जब उसने वहां पर डॉक्टरों से अपनी बहन की जांच रिपोर्ट के बारे में पूछा तो डॉक्टरों ने उसे डिस्चार्ज कर बाहर भेज दिया। उसे डिस्चार्ज पेपर तक नहीं दिया।
सोमवार को युवती घर में दर्द से कराह रही थी। भाई का आरोप है कि हैलट में इलाज की रिपोर्ट मांगने पर उसे डिस्चार्ज कर दिया गया। उसे कोई दवा भी नहीं दी गई। जानकारी मिलते ही भीतरगांव चिकित्साधीक्षक मनीष तिवारी ने घर पहुंचकर युवती का उपचार शुरू किया। तबीयत बिगड़ती देख युवती को 108 एंबुलेंस से भीतरगांव सीएचसी में भर्ती कराया है।
गलियों में पसरा है सन्नाटा
गांव में स्थित को देखते हुए कुछ पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। हादसे के दूसरे दिन भी गांव में मातम का माहौल है। गांव की गलियों में सन्नाटा पसरा हुआ है। हर तरफ गमगीन माहौल है। सभी उस दिन को कोस रहे है, जब उनके परिवार वाले मुंडन संस्कार में शामिल होने गए थे।
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