पाएं अपने शहर की ताज़ा ख़बरें और फ्री ई-पेपर
डाउनलोड करेंकन्नौज के तिर्वा विधान सभा के गौरियन पुरवा नाम के एक छोटे से गांव के रहने वाले असीम अरुण रविवार को भाजपा में शामिल हो गए। असीम अरुण कानपुर के कमिश्नर थे। कहा जा रहा है कि वो कन्नौज से चुनाव लड़ सकते हैं। हांलाकि उनके गांव और घर के लोग पहले की राह को ही बेहतर बताते हुए उनके निर्णय को सही नहीं मान रहे हैं। बता दें कि असीम अरुण के पिता श्राम अरुण ने डीजीपी के पद पर रहते हुए नेता बनने का प्रस्ताव ठुकरा दिया था। वहीं बेटे ने कमिश्नर की नौकरी छोड़ कर नेता बनने की ठान ली है।
सोच समझकर लिया होगा निर्णय
असीम अरुण के इस फैसले को वो कितना अच्छा मानते हैं, ये वही जानते हैं। उनके परिवार और उनके गांव के लोग इस फैसले को अच्छा नहीं मानते हैं। परिवार का कहना है कि कमिश्नर पद की नौकरी छोड़ कर नेता बनना उनके लिए किसी भी प्रकार से अच्छा नहीं है। जिससे ग्रामीण निराश दिख रहे हैं। परिवार और ग्रामीणों का कहना है कि अब जो निर्णय उन्होंने ने लिया है, वो कुछ सोच समझ कर लिया होगा। अब अगर राजनीति में आए हैं, तो हम लोग उनके ही साथ हैं।
उनका इस्तीफा देना गलत है
गांव के रहने वाले नीरज का कहना है कि वो मेरे ही गांव के हैं। उनके पिता डीजीपी रहे हैं। असीम अरूण कमिश्नर रहे हैं। वो गांव में अक्सर आते जाते रहे हैं। उनके राजनैतिक करियर पर लोगों का कहना है कि उनको नौकरी छोड़कर राजनीति में नहीं आना चाहिए था। ये उनके लिए गलत कदम साबित हो सकता है। असीम अरूण की चाची अर्चना ने बताया कि उनके इस्तीफे से हम लोगों को बहुत खराब लग रहा है।
Copyright © 2023-24 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.