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डाउनलोड करेंदेश में पारंपरिक खेलों की खोज और उन्हें बढ़ावा देने के लिए अच्छी पहल की गई है। इसके तहत बुंदेलखंड विश्वविद्यालय और आईएमटी गाजियाबाद ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। बुंदेलखंड क्षेत्र में दोनों संस्थान मिलकर विभिन्न बिंदुओं पर काम करेंगे। यह देश के इतिहास में पहली बार में हो रहा है। जब क्षेत्र विशेष में पारंपरिक खेलों को लेकर किसी विश्वविद्यालय और प्रबन्ध संस्थान ने हाथ मिलाया है।
236 डिग्री कॉलेजों में अध्य्यनरत 2 लाख 31 हजार से ज्यादा विद्यार्थियों को इसका लाभ मिलेगा। आईएमटी गाजियाबाद में खेल शोध केंद्र संचालित हैं। यह केंद्र देश में पारंपरिक खेलों पर गहन कार्य कर रहा है। इसी क्रम में बुंदेलखंड क्षेत्र में पारंपरिक खेलों पर रिसर्च करने के लिए नए कदम उठाए गए हैं।
इसके लिए बुंदेलखंड विश्वविद्यालय और आईएमटी गाजियाबाद ने हाथ मिलाया है। बुंदेलखंड विवि के कुलपति डॉ. मुकेश पांडेय और आईएमटी गाजियाबाद के डायरेक्टर डॉ. विशाल तलवार ने एमओयू पर वर्चुअल हस्ताक्षर किए हैं। डॉ. विशाल तलवार ने बताया कि आईएमटी में खेल को संस्कृति बनाने की दिशा में निरंतर शोध किया जा रहा है।
एमओयू की मुख्य बातें
हेड ने किया है अध्ययन
गाजियाबाद आईएमटी देश का अकेला ऐसा संस्थान है जहां पर खेल को संस्कृति बनाने के लिए लगातार शोध किया जा रहा है। साथ ही देश के सुदुर क्षेत्रों में पारंपरिक खेलों को पहचान कर उन्हें पुनर्जीवित करने और उन्हें प्रोत्साहित करने का भी लगातार अध्ययन चल रहा है।
विख्यात स्पोर्ट्स रिसर्चर डॉ. कनिष्क के नेतृत्व में यह शोध केन्द्र कई उपलब्धियां अर्जित कर चुका है, जिसमें स्पोर्ट्स लिटरेसी मिशन, मॉडल स्पोर्ट्स विलेज, स्पोर्ट्स थैरेपी आदि प्रमुख हैं।
बीयू के अधीन 7 जिलों के 962 डिग्री कॉलेज
बीयू के क्षेत्रान्तर्गत कुल 7 जिले झांसी, जालौन, ललितपुर, महोबा, हमीरपुर, बांदा व चित्रकूट जनपद आते हैं। इन जिलो में कुल 962 डिग्री कॉलेजों में अध्ययनरत 2,31,619 छात्र और छात्राएं एमओयू होने से लाभांवित होंगे।
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