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डाउनलोड करेंजालौन में भी अब डेंगू ने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। जनपद में अब तक 16 मामले मिल चुके हैं, जिसमें डेंगू के कारण एक की मौत हो चुकी है। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य महकमा अलर्ट हो गया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने जनपद के सभी विकास खंडों में टीमें बना दी हैं, जिससे उन इलाकों में जांच कराई जा सके, जहां डेंगू के मरीज मिले हैं। इसके अलावा 2 जिला स्तरीय टीम भी बनाई गई है, जो क्षेत्र में लगातार जाकर जांच कर रही है। जनपद में अब तक सर्वाधिक मामले एट कस्बे से मिले हैं। यहां अब तक 7 मरीज डेंगू के मिल चुके हैं।
अब तक डेंगू से एक मरीज की हुई मौत
मुख्य चिकित्सा अधिकारी नरेंद्र देव शर्मा ने बताया कि जनपद में अब तक 16 मरीज डेंगू के मिल चुके हैं, जिसमें एक मरीज की मौत भी हो चुकी है। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए जनपद के समस्त विकास खंडों में एक-एक टीम बना दी गई है। साथ ही जिला स्तर पर दो टीमों का गठन किया गया है, जो उन इलाकों में जाकर जांच कर रही हैं, जिन इलाकों में मरीजों की संख्या बढ़ी है। साथ ही उस इलाके के 50 घरों के सैंपल लिए जाते हैं, जिससे पता लगाया जा सके कि कोई शख्स डेंगू से पीड़ित तो नहीं है।
एट कस्बे में मिले 7 डेंगू के मरीज
मुख्य चिकित्सा अधिकारी नरेंद्र देव शर्मा ने बताया कि जनपद में डेंगू के सर्वाधिक मामले एट कस्बे से मिले हैं। यहां पर अब तक 7 मरीज डेंगू के मिल चुके हैं। वहीं जनपद के उरई में डेंगू के कारण 70 वर्षीय वृद्ध की मौत हो गई, जिसका इलाज मेडिकल कॉलेज झांसी में चल रहा था। सीएमओ के अनुसार उन्हें कहीं भी पता लगता है, वह अपनी टीमों को भेज कर उस इलाके के लोगों की जांच कराते हैं। इसके अलावा सभी लोगों को निर्देश दिए जा रहे हैं कि वह अपने घरों के आसपास पानी जमा न होने दें। कूलर में पुराना पानी जमा न होने दें। पानी को प्रतिदिन साफ करें, जिससे मच्छर पैदा न हो सकें।
सीएमओ ने कहा- प्लेटलेट्स कम होने पर धबराएं नहीं
वहीं उन्होंने कहा कि जनपद की मानक प्रमाणित लैबों पर जांच कराएं, जिससे डेंगू के बारे में सही पता लग सके। जिस व्यक्ति को किसी प्रकार की कोई तकलीफ है, वह जिला अस्पताल की पैथोलॉजी और मेडिकल कॉलेज में बनी पैथोलॉजी में जाकर अपनी जांच करा सकता है, जिससे जांच का सही दायरा पता लग सके। उन्होंने बताया कि किसी भी व्यक्ति को डरने की जरूरत नहीं है। यदि किसी व्यक्ति की प्लेटलेट्स 50,000 या 20000 हो जाती है तो उसे घबराने की जरूरत नहीं है। इसके लिए जनपद के उरई जिला अस्पताल में 10 बेड़ों का एक स्पेशल वार्ड बनाया गया है। साथ ही जनपद के सभी प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर अलग से वार्ड बनाए गए हैं। यदि मरीजों को किसी प्रकार की कोई परेशानी होती है तो वह स्पेशल वार्ड में भर्ती हो सकते हैं। वहीं मेडिकल कॉलेज में डेंगू की जांच नियमित रूप से कराई जा रही है।
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