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डाउनलोड करेंबीते दिनों आबकारी मंत्री की मौजूदगी में जन चौपाल के दौरान आटा के ग्रामीणों ने गौशाला खाली होने की शिकायत की थी। जिस पर सचिव के खिलाफ निलबन की कार्यवाही हुई थी। वर्तमान में भी गौशाला खाली पड़ी है और हाइवे पर तपती धूप व जलती सड़क पर मवेशी अपना डेरा बनाएं हुए हैं। भीषण गर्मी में गड्ढों में भरा पानी पीकर अपनी प्यास बुझा रहे हैं। ग्रामीण बेजुबानों की इस हालत का जिम्मेदार प्रशासन को बता रहे हैं।
हाइवे पर आवारा घूम रहे मवेशी
विकास खण्ड कदौरा के ग्राम पंचायत आटा में करीब 7 लाख रुपये की लागत से गोशाला का निर्माण कराया गया था। जिसमें एक टीन शेड, पानी के लिए हौद, चरवाही, तार फेसिंग व इंटरलाकिंग बिछाई गई थी। वर्तमान में गोशाला की हालत दयनीय है। कुछ दिन पहले ही आबकारी मंत्री की यहां हुई जन चौपाल के दौरान आटा के ग्रामीणों ने गोशाला खाली होने की शिकायत की थी। जिस पर सचिव के खिलाफ निलंबन की कार्यवाही हुई थी। परन्तु इसके बाद भी धूप में जलती सड़क पर बैठे मवेशियों के दर्द न तो ब्लाक के अधिकारी देख रहे हैं और न ही जिला प्रशासन देख रहा है। जबकि तहसील दिवस आदि कई कार्यक्रमों में डीएम व उच्च अधिकारियों का आटा हाइवे से कालपी जाना लगा रहता है।
हादसे को दे रहे दावत
ग्रामीणों का कहना है कि हाइवे पर बैठे मवेशी भूख प्यास से तो तड़प ही रहे हैं, साथ ही हादसे को भी दावत दी रहे हैं। रात के अंधेरे में वाहन चालकों को पास आने पर ही मवेशी दिखाई देते हैं लेकिन तब तक हादसा हो जाता है। पिछले दिनों तीन मवेशियों को ट्रक ने आटा हाइवे पर रौंद दिया था। इसके बाद भी प्रशासन सुध नहीं ले रहा है। ग्रामीणों की मांग है कि गौशाला में मवेशियों को बंद कर उनके खाने पीने की व्यवस्था कराई जाए। फिलहाल मंत्री के दिशा निर्देशों का भी स्थानीय अधिकारियों पर कोई असर नहीं हुआ।
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