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डाउनलोड करेंसिकन्दराराऊ के लाल को ओडिशा के नुआपाड़ा जिले के मसदिनी में मंगलवार को नक्सलियों के हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के जवान शिशुपाल सिंह का पर्थिव शरीर बुधवार को पैतृक गांव लालगढ़ी पहुंचा। जहां राजकीय सम्मान के साथ शहीद जवान का अंतिम संस्कार हुआ। अंतिम संस्कार में सेना, राजनेता और प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए और श्रद्धांजलि दी।
शहीद का शव गांव पहुंचते ही सीआरपीएफ के जवानों की टुकड़ी ने वाहन से तिरंगे में लिपटे शव को कांधा देकर उतारा। अंतिम संस्कार के दौरान बड़ी संख्या में शहीद के गांव और आसपास के क्षेत्रों से भीड़ उमड़ पड़ी थी। भीड़ में शहीद के परिजन, नाते रिश्तेदार, मित्र और परिचित भी शामिल रहे। सभी ने तिरंगे में लिपटे हुए शहीद जवान के पार्थिव शरीर पर श्रद्धाजंलि अर्पित की।
सीआरपीएफ अधिकारियों समेत तमाम गणमान्य नेताओं ने घर जाकर दी श्रद्धांजलि
सीआरपीएफ के डीआईजी, विधायक वीरेन्द्र सिंह राणा, पूर्व विधायक यशपाल सिंह चौहान,पूर्व जिलाध्यक्ष युवराज सिंह यादव,ब्लाक प्रमुख सुदामा देवी, जिलाधिकारी रमेश रंजन, पुलिस अधीक्षक विकास कुमार वैद्य, उप जिलाधिकारी अंकुर वर्मा, तहसीलदार, सीओ सिकंदराराऊ आदि ने पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। शहीद को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करने के पश्चात गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
बेटे ने दी चिता को मुखाग्नि
शहीद की चिता को बेटे अमन यादव ने मुखाग्नि दी। सीआरपीएफ की टुकड़ी ने असिस्टेंट कमांडेंट के नेतृत्व में अपने शहीद साथी को मातमी धुन बजाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। ओडिशा के जिला नुआपड़ा में नक्सलियों के हमले में सीआरपीएफ के 3 जवान शहीद हुए थे। शहीदों में से एक जवान और दो उपनिरीक्षक स्तर के कर्मी शामिल थे. इन शहीदों में हाथरस जिले की सिकंदराराऊ थाना क्षेत्र के गांव लालगढ़ी के शिशुपाल सिंह भी शामिल थे।
शिशुपाल सीआरपीएफ की जी-19 बटालियन में उपनिरीक्षक के पद पर तैनात थे। उनकी तैनाती ओडिशा के नुआपाड़ा जिले के मसदिनी इलाके में थी। मंगलवार को जैसे ही शिशुपाल के शहीद होने की जानकारी लोगों को मिली, लोगों का गांव में आना शुरू हो गया था। उसके अंतिम संस्कार में भारी जल सैलाब शहीद एक झलक देखने को उमड़ पड़ा।
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