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डाउनलोड करेंहाथरस कहते है मां के दिल जैसा दुनिया में कोई दिल नहीं। लेकिन उसका एक उल्टा, इंसानियत को शर्मसार करती हुई एक तस्वीर हाथरस जनपद में दिखाई दी। जहां माता-पिता ने अपने आपसी विवाद के चलते तीन मासूम बच्चियों को बेसहारा छोड़ दिया और शहर छोड़कर चले गए। इन तीन मासूम बच्चियों की जिम्मेदारी अभी आस-पड़ोस के लोग अपने उपर ले रखे हैं। लेकिन माता पिता के जिन्दा होते हुए भी उनके सर पर ना तो मां का साया है न पिता का हाथ।
मां चली गई थी छोड़कर घर
इस दुनियां में माता पिता का साया भगवान से भी ऊपर माना जाता है। कहते हैं मां अपने बच्चों के हर दर्द को समझती है। मां के प्यार दुलार के बिना बच्चे कुछ अधूरे रह जाते हैं। पिता का हाथ ही उन्हें आगे बढ़ने के लिए और इस जिंदगी में पड़ने वाली हर मुसीबतों से बचाने का काम करता है। लेकिन हाथरस सदर कोतवाली क्षेत्र के गांव कलवारी के रहने वाले, रवि कुमार और अंजलि की तीन पुत्रियां हैं। पड़ोसियों का कहना है दोनों पति-पत्नी में अक्सर झगड़े होते रहते थे। इस झगड़े में अंजलि अपनी पुत्रियों को पति के हवाले छोड़ कर गुस्से में घर से चली गई।
माता-पिता ने नहीं दिया साथ
एक महीने बाद तीनों बच्चियों को अपने माता-पिता व बहन के भरोसे छोड़कर रवि भी चला गया। लेकिन जब माता-पिता ने साथ नहीं दिया तो, घर वाले भी क्या साथ देते। रवि के माता पिता और बहन भी घर से ताला लगाकर बच्चों को राम भरोसे छोड़ कर चले गए। जब भूख प्यास से बिलखते बच्चों की चीख-पुकार आस पड़ोस में रहने वाले लोगों ने सुनी तो, उनका दिल पसीज गया। उन्होंने इन मासूम बच्चियों को खाना-पीना और आसरा दिया। बच्चियों की उम्र भी इतनी नहीं कि वह खुद को संभाल सकें। सबसे बड़ी बच्ची की उम्र 3 साल के आसपास तो दूसरी डेढ़ साल व तीसरी 6 माह की बच्ची है।
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