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डाउनलोड करेंकहते हैं कि टेक्नालजी सुविधाओं के साथ मुसीबत भी लाती है। यही कुछ ITMS यानि इंटीग्रेटड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम भी लेकर आई है। CM सिटी गोरखपुर में भी ट्रैफिक मैनेजमेंट आईटीएमएस से हो रहा है यह सिस्टम सिखों के लिए मुसीबत बन गया है। पग बांधकर बाइक से निकलने वाले सरदारों का बिना हेलमेट में 1000-1000 का चालान कट जा रहा है। मोबाइल फोन पर मैसेज आने के बाद सरदार पुलिस अधिकारियों के यहां चक्कर काट रहे हैं।
एसएसपी या एसपी ट्रैफिक के पास पहुंचने पर या तो चालान को कैंसिल किया जा रहा है या फिर उसे लोक अदालत में भेजकर 100 से 200 रुपए जमा कराकर मामले को निपटाया जा रहा है। लेकिन इस चक्कर में बार-बार सरदारों को बेवजह दौड़ना पड़ रहा है।
गोरखपुर में एक माह में कटे 10 से ज्यादा चालान
सीएम सिटी गोरखपुर में पिछले चार महीने से आईटीएमएस सिस्टम लागू किया गया है। शहर के गणेश चौक, पैडलेगंज, यूनिवर्सिटी, काली मंदिर, यातायात तिराहा, गोरखनाथ, असुरन, अंबेडकर चौक, कचहरी चौक, शास्त्री चौक सहित 13 चौराहे इससे लैस किए गए हैं और ऑनलाइन चालान कट रहा है। आईटीएमएस ने पिछले एक महीने में 10 से ज्यादा सिखों का बिना हेलमेट में 1-1 हजार का चालान काट दिया। जबकि वे लोग पग बांधकर निकले थे।
यहां आपको हम बता दें कि पग बांधने के नाते सिखों को हेलमेट न लगाने की कानून में छूट है। उनका बिना हेलमेट में चालान नहीं काटा जाता। जब तक मैनुअल चालान होता था तब तक उनका चालान नहीं होता था। चूंकि आईटीएमएस कैमरे से चालान काटता है और वह केवल हेलमेट को ही कैच करता है लिहाजा सिर पर बंधे पग को बिना हेलमेट में ले लेता है। इसलिए धड़ाधड़ चालान सरदारों का बिना हेलमेट में हो जा रहा है।
पैडलेगंज के हरप्रीत सिंह का 4 बार कट गया चालान
पैडलेगंज के हरप्रीत सिंह का 4 बार बिना हेलमेट के ऑनलाइन चालान आईटीएमएस से कट चुका है। हर बार वे एसपी ट्रैफिक के पास जाते हैं और वे चालान कैंसिल करते हैं। चौथी बार चालान कटने का मैसेज आने के बाद वे दो दिन पूर्व एसएसपी डॉ विपिन तांडा से मिले और समस्या बताई। जिसके बाद एसएसपी ने उचित कार्रवाई का भरोसा दिया है।
मोहद्दीपुर के जसकरन सिंह का भी कटा चालान
मोहद्दीपुर के जसकरन का भी चालान बिना हेलमेट में कट चुका है। जबकि वे पग बांधे हुए थे। मैसेज आने के बाद वे एसपी ट्रैफिक डॉ एमपी सिंह के पास गए तो उनके मामले का निस्तारण कराया गया। लेकिन इसके लिए उन्हें दो से तीन दिन अधिकारियों के यहां चक्कर काटना पड़ा। आपको बता दें कि गोरखपुर के पैडलेगंज, मोहद्दीपुर, धर्मशाला में सिख समुदाय के लोग रहते हैं। इनकी आबादी करीब 15 हजार है।
एसएसपी ने लिखा शासन और मुख्यालय को पत्र
मामले सामने आने के बाद एसएसपी डॉ विपिन तांडा ने शासन और पुलिस मुख्यालय को पत्र लिखा है। उन्होंने इसका हल निकालने को कहा है। एसएसपी ने बताया कि कुछ मामले सामने आए हैं। तकनीक की खामियां हैं जल्द ही इसका निदान निकाल लिया जाएगा।एसएसपी ने बताया कि केंद्रीय गाइडलाइन जो है उसमें सिखों के पग को ही हेलमेट माना जाता है। शासन को पत्र लिखकर प्रदेश की गाइडलाइन मांगी गई है। फिलहाल यहां भी केंद्रीय गाइडलाइन का पालन कराया जाएगा।
इस तरह के भी हो रहे गलत चालान
कई बार चालान कटने के अजब गजब केस सामने आते हैं जैसे कि किसी और की बाइक और फोटो पर बिना हेलमेट के चालान का मैसेज किसी और को भेज दिया गया। इसी प्रकार की शिकायत पिछले दिनों कोतवाली के अमीर रउफ ने की थी। जिसके बाद उनका चालान कैंसिल किया गया था। इसके अलावा कई बार पेपर होने के बाद भी बिना डीएल के चालान का मैसेज आ जाता है क्योंकि जल्दबाजी में पुलिसकर्मी किसी और का रजिस्ट्रेशन नंबर किसी और के नाम फीड कर देते हैं। ऐसी ही शिकायत कैंट इलाके के विशुनपुरवा निवासी योगेंद्र ने की थी। उन्होंने ट्वीट कर शिकायत की तो मामले का निस्तारण हुआ।
4 महीने में 45811 चालान
ट्रैफिक पुलिस ने जनवरी से अप्रैल तक चार महीने में 45811 वाहनों का चालान काट चुकी है। इन चालान से 4798500 रुपए जुर्माना वसूला गया है। अप्रैल महीने में 18142 वाहनों का ई-चालान कर 1786500 वसूले गए। मार्च में 8776 वाहनों से 1100600 वसूले गए। फरवरी में 10180 वाहनों से 102900 वसूले गए तो वहीं जनवरी में 8713 वाहनों से 882400 रुपये वसूले गए।
इस तरह से हुई कार्रवाई
बिना हेलमेट में 13520, मोबाइल से बात करते हुए गाड़ी चलाने में 325, बाइक पर तीन सवारी में 1217, बिना सीट बेल्ट में 2723, रेड लाइट तोड़ने में 2105, रांग साइड से बाइक निकालने में 500, हाई स्पीड में 60 चालान और अन्य 7279 वाहनों के चालान हुए।
ऐसे है चालान रेट
मोबाइल से बात करने पर 1000, रांग साइड में वाहन चलाने में 500, ओवर स्पीड में 2500, रेड लाइट सिग्नल तोड़ने पर 500, बिना हेलमेट और सीट बेल्ट 1000, तीन सवारी 1000, स्पाट लाइन से आगे जाने पर 500 रुपये का चालान किया जाता है। एसपी ट्रैफिक ने ट्रैफिक पुलिस के अलावा थाना पुलिस को भी एप के माध्यम से चालान काटने का निर्देश दिया है। लेकिन उनका यह भी कहना है कि पुलिसकर्मी 1000 से ज्यादा का चालान बाइक वालों का आम तौर पर न काटें।
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