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डाउनलोड करेंगोरखपुर के चौरीचौरा इलाके के राघोपट्टी पड़री गांव का आराध्य एसडीएम चौरीचौरा रजत वर्मा के आदेश के बाद भी अपनी मां राधा गुप्ता से नहीं मिल पाया। 3 वर्ष पूर्व पिता जितेंद्र की मौत के बाद उसकी मां को ससुराल वालों ने मायके भेज दिया और उस समय अराध्य को उसके बाबा रामप्रसाद गुप्ता ने अपने पास रख लिया। उस समय उसकी उम्र दो वर्ष ही थी।
मां राधा गुप्ता की शिकायत पर एसडीएम ने बुधवार को झंगहा पुलिस को आदेश दिया था कि बच्चे को उसके बाबा की कस्टडी से लेकर मां को सौंपा जाए। पुलिस घर गई तो बच्चे को लेकर उसके बाबा और अन्य परिवार वाले फरार थे।
तीन साल से मां लगा रही थी चक्कर
दरअसल देवरिया के भाटपाररानी वार्ड नंबर 11 निवासी राधा गुप्ता की शादी 5 वर्ष पूर्व झंगहा इलाके के राघोपट्टी पड़री निवासी जितेंद्र से हुई थी। राधा और जितेंद्र में अक्सर झगड़ा होता था। तीन साल पूर्व जितेंद्र ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।
जिसके बाद राधा अपने मायके चली गई। राधा के दो साल के बेटे आराध्य को उसके बाबा रामप्रसाद ने अपने पास रख लिया। जिसके बाद से ही राधा अपने बेटे की कस्टडी पाने के लिए थाने और पुलिस अधिकारियों का चक्कर लगा रही थी।
5 मई 2022 को एसडीएम कोर्ट में किया था आवेदन
राधा ने 5 मई 2022 को एसडीएम चौरीचौरा की कोर्ट में बच्चे की कस्टडी पाने का आवेदन किया था। आराध्य की उम्र इस समय 5 वर्ष है। जिसके बाद एसडीएम ने बुधवार को झंगहा पुलिस को आदेश जारी किया कि बच्चे की कस्टडी मां को दिया जाए। चूंकि बच्चा अभी सात साल से कम उम्र का है इसलिए वही उसकी नैसर्गिक संरक्षक है।
आदेश के बाद पुलिस बच्चे को लेने उसके बाबा के घर गई तो घरवाले ताला बंद कर बच्चे के साथ फरार हैं।एसओ झंगहा राजेंद्र मिश्रा ने बताया कि एसडीएम कोर्ट के आदेश के बाद बच्चे के बाबा के दोनों घरों पर पुलिस गई थी। लेकिन वे लोग थे नहीं। फोन से बात किया गया है। जल्द ही बच्चे को उसकी मां के हवाले किया जाएगा।
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