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डाउनलोड करेंआगामी विधानसभा चुनाव शुरू होते ही टिकट को लेकर मारामारी शुरू हो गई है। दल-बदल खेल के साथ ही टिकटों के बंटवारे को लेकर लगातार असमंजस बढ़ता ही जा रहा है। इस बीच गोरखपुर सदर सीट से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का टिकट फाइनल होते ही जहां नगर विधायक राधामोहन दास अग्रवाल चुनावी मैदान में BJP से बाहर नजर आ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा सीट को लेकर मारामारी जोरों पर शुरू हो गई है।
निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद अपने बेटे सरवन निषाद जहां गोरखपुर ग्रामीण सीट से टिकट मांग रहे हैं। वहीं, राजनीतिक पंडितों का दावा है कि BJP उन्हें इस बार भी लोकसभा चुनाव की तर्ज पर हरिशंकर तिवारी के खिलाफ मैदान में खड़ी करेगी। यानी कि BJP संजय निषाद के बेटे सरवन निषाद को चिल्लुपार सीट से हरिशंकर तिवारी के बेटे विनय शंकर तिवारी के खिलाफ मैदान में उतार सकती है।
हरिशंकर तिवारी के बेटे को भी हरा चुके हैं प्रवीण निषाद
दरअसल, इससे पहले भी 2019 के लोकसभा चुनाव में BJP ने निषाद पार्टी से गठबंधन कर संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद को संतकबीरनगर सीट से पंडित हरिशंकर तिवारी के बड़े बेटे भीष्म शंकर तिवारी उर्फ कुशल तिवारी के खिलाफ मैदान में उतारा था।
जिसका नतीजा यह हुआ कि लगातार कई बार से सांसद रहे कुशल तिवारी को निषाद पार्टी के वोट बैंक के सामने हार का सामना करना पड़ा। ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार भी चिल्लुपार की सीट को बचाने के लिए BJP निषाद पार्टी को ही तिवारी परिवार के सामने कर सकती है। क्योंकि इस सीट पर बसपा से विधायक रहे विनय शंकर तिवारी इस बार यहां से सपा के उम्मीदवार हैं।
योगी की सीट हारकर नतमस्तक हुई थी BJP
दरअसल, BJP से गठबंधन के बाद से ही निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद अपने बेटे सरवन निषाद के लिए गोरखपुर ग्रामीण सीट से टिकट मांग रहे हैं। जबकि BJP की ओर से उन्हें चिल्लुपार सीट से टिकट का आफर दिया गया है। वहीं, राजनीतिक पंडितों का मानना है कि 2017 में सीएम योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद गोरखपुर लोकसभा सदर सीट पर निषाद पार्टी के सामने BJP को योगी आदित्यनाथ की अपनी ही सीट पर हार का सामना करना पड़ा था। गोरखपुर की जनता ने BJP उम्मीदवार उपेंद्र शुक्ला को न चुनकर संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद को यहां से सांसद चुन लिया। जिसके बाद से ही BJP को निषाद पार्टी के आगे नतमस्तक होना पड़ा।
टिकट बंटवारे को लेकर दिल्ली बुलाए गए संजय निषाद
वहीं, 2019 में BJP ने निषाद पार्टी से गठबंधन कर प्रवीण निषाद को संतकबीरनगर सीट से मैदान में उतारा और प्रवीण, हरिशंकर तिवारी के बेटे कुशल तिवारी को चुनाव में हराकर सांसद चुने गए। हालांकि इस बीच अभी भी निषाद पार्टी का दावा है कि सरवन निषाद किसी भी हाल में गोरखपुर ग्रामीण सीट से ही विधानसभा चुनाव में मैदान में उतेंगे। निषाद पार्टी के उम्मीदवार सरवन निषाद ने कहा कि पार्टी का पूरा प्रयास है कि मैं ग्रामीण सीट से ही चुनाव लड़ूंगा।
हालांकि अब तक टिकट को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। आज ही इसके लिए दिल्ली में बैठक आयजित की गई है। जिसमें हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष को भी विभिन्न मुदृों पर चर्चा के लिए बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि अगर किन्हीं परिस्थितियों में निषाद पार्टी चिल्लुपार सीट से मुझे प्रत्याशी बनाती है तो इसपर विचार किया जाएगा।
15 सीटों पर हो सकता है समझौता
इतना ही नहीं, निषाद पार्टी और BJP के बीच फंसे टिकटों का पेंच भी आज देर शाम तक दूर होने की खबर है। 24 सीटों के लिए अड़ी निषाद पार्टी के खाते में 15 सीटों के आने की उम्मीद है। खबर यह भी है कि इसके लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद ने भी हामी भर ली है। हालांकि अभी संजय निषाद की डिप्टी सीएम की मांग BJP ने नहीं मानी है।
निषाद पार्टी का दावा है कि जल्द ही इस असमंजस से भी पर्दा उठा जाएगा। कहा जा रहा है कि अब तक निषाद पार्टी के लिए कुशीनगर जिले का तमकुही राज, संतकबीरनगर का मेंहदावल, महाराजगंज का फरेंदा, जौनपुर, सुल्तानपुर, बस्ती ग्रामीण, रामपुर, आजमगढ़ की सीटें लगभग फाइनल हो चुकी हैं। जल्द ही गोरखपुर सीट को लेकर भी स्थिति साफ हो जाएगी।
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