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डाउनलोड करेंगोरखपुर में B-Tech छात्रों का ATM फ्रॉड करने का अनोखा तरीका सामने आया है। उनका तरीका ऐसा था कि शुरुआत में बैंक तक नहीं पकड़ पाया। स्टूडेंट्स पहले अपने बैंक अकाउंट में पैसे जमा करते थे। फिर CDM (कैश डिपॉजिट) मशीन की तलाश करते थे। उसके बाद मशीन से ट्रांजेक्शन के माध्यम से फ्रॉड का खेल शुरू होता था।
इसमें जालसाजी यह थी कि जैसे ही ट्रे से कैश बाहर आता था। उसे उठा लेते थे। फिर तत्काल ट्रे को अंदर धकेल देते थे। इससे ट्रांजेक्शन एरर बताने लगता था। इसके बाद क्लेम करके बैंक से पैसा वसूलते थे। दोनों लखनऊ के एक प्राइवेट कॉलेज से कम्प्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग कर रहे हैं। दोनों थर्ड ईयर के स्टूडेंट हैं।
SP सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि राजघाट पुलिस ने दोनों को श्रीराम घाट के पास से गिरफ्तार किया है। जबकि इनका तीसरा साथी अभी फरार है। उसे भी जल्द ही अरेस्ट किया जाएगा।
71 हजार कैश समेत कार और बाइक बरामद
आरोपियों की पहचान विजय यादव और फैज खान के रूप में हुई है। विजय कानपुर के सड़सी देवसर और फैज गोरखपुर के जंक्शन इनक्लेव कॉलोनी के पास का रहने वाला है। पुलिस ने दोनों के पास से 71 हजार रुपए कैश, 10 ATM कार्ड, दो मोबाइल फोन, एक ब्रेजा कार और एक बाइक भी बरामद की गई है।
4 ATM से 5.99 लाख का फ्रॉड
SP ने बताया कि गैंग के लोग कई बैंक के ATM को टारगेट कर सीधा बैंक को चैलेंज करते थे। जालसाजों ने जून 2022 से अब तक गोरखपुर में 4 ट्रांजेक्शन कर 5.99 लाख रुपए का फ्रॉड किया है। इसमें बेतियाहाता ATM से 1.69 लाख, राजेंद्रनगर ATM से 1.80 लाख, हर्बट बंधा ATM से 1.80 लाख और जीरो प्वाइंट कालेसर ATM से 50 हजार रुपए का फ्रॉड शामिल है। इसके अलावा इस गैंग ने कानपुर के ATM से भी 20 हजार का फ्रॉड करने की बात कबूली है।
लगेगा गैंगस्टर, कुर्क होगी संपत्ति
SP सिटी ने बताया कि दोनों के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई कर रही है। साथ ही इस गैंग को रजिस्टर्ड कर इनके खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई की जाएगी। इनकी अन्य बैंक डिटेल भी जुटाई जा रही है। ताकि, फ्रॉड कर कमाए गए पैसों से खरीदी गई संपत्तियों को जब्त कराया जा सके।
सिर्फ CDM मशीनों को करते थे टारगेट
SP सिटी ने बताया ने इस गैंग की खास बात यह थी कि यह शहर के सभी ATM को टारगेट नहीं करता था। यह सिर्फ उन्हीं ATM को टारगेट करता था, जहां CDM (कैश डिपॉजिट मशीन) होती थी। क्योंकि, CDM मशीनों में कैश निकालने या जमा करने के लिए ट्रांजेक्शन होते ही एक बॉक्स खुलता है। ट्रे बाहर आता है। जिसमें अंदर हाथ डालकर कैश निकाले और जमा किए जाते हैं। ऐसी मशीनों में जैसे ही ट्रांजेक्शन करते वक्त ट्रे बाहर आता था, जालसाज कैश हाथ में लेकर ट्रे हाथ से अंदर धकेल देते थे। जिससे कि ट्रांजेक्शन एयर बताने लगता था।
विजय बोला- पिता के पैसे से शौक नहीं पूरे होते थे
विजय ने पुलिस को बताया कि उसके पिता अमानत लाल सऊदी अरब में रहकर काम करते हैं। वे वहां से घर रुपए तो भेजते हैं। लेकिन, पिता के भेजे रुपयों से सिर्फ पढ़ाई और घर का खर्च ही चल पाता है। जबकि, कॉलेज के तमाम स्टूडेंट्स कॉलेज में महंगे फोन लेकर स्टाइलिश कपड़े पहने हुए आते हैं। पैसों के अभाव में वह अपने शौक पूरे नहीं कर पाता था।
उसके जैसी हालत ही उसके दोस्त फैज की भी है। क्योंकि फैज के पिता अयूब खान कानपुर की एक फैक्ट्री में प्राइवेट जॉब करते हैं। दोनों पैसों की तंगी से जूझ रहे थे। उनके शौक पूरे करने में रुपए आड़े आ रहे थे।
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