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डाउनलोड करेंगोंडा में महिला स्वयं सहायता समूह तंग हाल परिवार के लिए वरदान साबित हो रहा है। जो महिलाएं अब तक इधर-उधर मजदूरी मेहनत करती थीं, अब इन महिलाओं के लिए महिला स्वयं सहायता समूह अच्छी आय का साधन बन गया है। विकास खंड झंझरी के गरीबी पुरवा में ऐसे ही एक साथ दो महिला स्वयं सहायता समूह कार्य कर रहे हैं, जिससे दोनों सहायता समूहों में कार्य करने वाली सदस्य महिलाओं के परिवार की अच्छी खासी आय हो गई है।
सरिता स्वयं सहायता समूह चलाने वाली सबीना बानो का कहना है कि पहले वह आर्थिक तंगी के कारण सिलाई मशीन से लोगों के कपड़े सिलकर थोड़ी बहुत कमाई करती थी, लेकिन अब महिला समूह बनाकर अपने साथ ही अन्य गरीब महिलाओं को समूह में शामिल कर परिवार का भरण-पोषण कर रही हैं। उनका समूह बाजार से खड़े मसाले खरीद कर उसकी पिसाई और पैकिंग कर बाजार में बेचता है। जो जो पैसा मिलता है, उसे आपस में बांट लिया जाता है।
ज्योति स्वयं सहायता महिला समूह की अध्यक्ष ज्योति श्रीवास्तव ने बताया कि मेरे पति प्राइवेट जॉब करते हैं, जिससे इतनी आमदनी नहीं होती कि घर का खर्च चल सके। उन्होंने महिला समूह का गठन कर समूह से 11 महिलाओं को जोड़ लिया और रूई से बाती बनाकर बाजार में सप्लाई शुरू की। उससे होने वाली आय से समूह की महिलाओं में बराबर बांट कर परिवार का खर्च चलाती हैं। सुनीता श्रीवास्तव ने बताया कि रूई बाती, हाथ और मशीन से बना कर बाजार में सप्लाई कर अतिरिक्त पैसा कमाती हैं। मीरा कुमारी ने बताया मेरे पति बाजार में मजदूरी करते हैं जिससे पूरा खर्च नहीं चल पाता था।
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