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डाउनलोड करेंगोंडा जिला अस्पताल में बुधवार को एक युवक की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। इस पर परिजनों द्वारा जमकर हंगामा कर तोड़फोड़ कर कर्मियों की पिटाई की गई थी। नाराज स्वास्थ्य कर्मियों ने जब बैठक करके हड़ताल करने का निर्णय लिया तो पुलिस और जिला प्रशासन में हड़कम्प मच गया। आनन-फानन में चोट खाए कर्मियों का मेडिकल कराया गया और फिर तहरीर के मुताबिक गम्भीर धाराओं में हंगामा करने वालों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया।
पुलिस की ड्यूटी लगाई जाने की मांग
फार्मेसिस्ट संघ के अध्यक्ष सालिक राम त्रिपाठी की अध्यक्षता में एक बैठक की गई। जिसमें घटना की निंदा कर पुलिस कर्मियों के कार्य व्यवहार पर क्षोभ व्यक्त किया गया। कहा कि, चार पुलिस कर्मी होने के बावजूद मारपीट का बचाव न कराकर केवल वीडीओ बनाकर मूक दर्शक बने रहे। कर्मियों ने आए दिन डॉक्टरों कर्मचारियों के साथ हो रहे अभद्रता और मारपीट पर दुख व्यक्त कर स्वास्थ्य कर्मियों को सुरक्षा प्रदान करने की मांग की।अस्पताल प्रांगण में स्थायी रूप से महिला और पुरुष पुलिस कर्मियों के ड्यूटी लगाने की मांग की गई।
खिड़की और दरवाजों को किया गया क्षतिग्रस्त
पीड़ित चिकित्सक दीपक कुमार सिंह ने बताया की उम्मेदजोत निवासी संदीप नाम के युवक को गम्भीर अवस्था में परिजन इलाज के लिए लाए थे। उनके परिजनों को बता दिया गया था की स्थिति गंभीर है। कुछ नहीं कहा जा सकता है। इलाज के दौरान ही चार पांच मिनट में उसकी मौत हो गई। जिससे परिजनों ने हंगामा खड़ा कर दिया और फार्मेसिस्ट, वार्ड बॉय, वार्डन, सहायक सहित अन्य कर्मियों की पिटाई कर दी। खिड़की सीसे और सामानों को क्षतिग्रस्त कर दिया।
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