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डाउनलोड करेंजमानिया क्षेत्र अन्तर्गत पीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट में शुमार 51 किमी लंम्बी ताड़ीघाट मऊ विस्तारीकरण परियोजना के दूसरे चरण की गाजीपुर घाट स्टेशन से मऊ तक करीब 37 किमी नई रेल लाइन का सर्वे के छह वर्ष बाद भी आज तक टेंडर और जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को पूरा नहीं किया जा सका है। जिसके चलते दूसरे चरण की इस परियोजना पर संकट के बादल मडराने लगे हैं।
छह वर्ष पहले हुआ था सर्वे
कृष्णानंद, प्रहलाद,अनीश,शिवबचन,नसीम,डॉक्टर जितेन्द्र राय आदि ग्रामीणों ने बताया कि दूसरे चरण की इस परियोजना को लेकर रेल विकास निगम लिमिटेड(आरवीएनएल) के सर्वेयर टीम के द्वारा जमीन के सर्वे का कार्य छह वर्ष पहले ही पूरा कर लिया गया था। लोगों ने बताया कि यही नहीं इस पूरे परियोजना के लिए 1766 करोड़ का बजट भी केन्द्रीय कैबिनेट के द्वारा मंजूर किया गया था। जिसके कारण अब क्षेत्रीय लोगों में निराशा फैलने लगी है। अब शायद ही गाजीपुर सीधे मऊ रेल लाइन के जरिए कभी जुड सकेगा। साथ ही ग्रामीणों ने मांग किया कि प्रस्तावित दूसरे चरण की इस परियोजना के लिए धनराशि जल्द मंजूर किया जाए।
सैकड़ों किसानों की जमीन होगी प्रभावित
रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक इस विस्तारिकरण के तहत करीब 70 गाँव जिनमें आठ मऊ जनपद के और शेष गाजीपुर जिले के सैकड़ों किसानों की करीब 250 हेक्टेयर जमीन के प्रभावित होने की आशंका है ।इसके तहत जंगीपुर,बिरनों,मरदह तथा बढुआ गोदाम के पास नया स्टेशन प्रस्तावित है। गाजीपुर के तत्कालीन सांसद विश्वनाथ सिंह गहमरी के द्वारा की गई मांग पर गठित पटेल आयोग ने केन्द्रीय कैबिनेट को सौंपी रिपोर्ट में गंगा नदी पर रेल कम रोड ब्रिज और ताड़ीघाट मऊ तक नई रेल लाइन को अपनी मंजूरी दी थी।
पहले चरण की परियोजना पूरा करना लक्ष्य
चौदह नवंबर 2016 को पीएम नरेन्द्र मोदी ने जिला मुख्यालय पर आयोजित कार्यक्रम में बहुप्रतिक्षित करीब 1766 करोड़ की परियोजना की आधारशिला रखी थी। आरवीएनएल के मुख्य परियोजना प्रबंधक विकास चंद्रा ने बताया कि दूसरे चरण की परियोजना के लिए सरकार और मंत्रालय के आदेश का इंतजार है। बताया कि सरकार व विभाग का पूरा ध्यान फिलहाल पहले चरण की परियोजना को पूरा करना है।
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