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डाउनलोड करेंसैदपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का भवन जर्जर अवस्था में पहुंच गया है। स्थिति यह है कि कहीं भवन की छतों से पानी टपक रहा है तो कहीं कंक्रीट के टुकड़े टूटकर गिर रहे हैं। दीवारों में सीलन के कारण बिजली के तारों में शॉर्ट सर्किट हो रहा है।
यही हाल परिसर में डॉक्टरों के आवासों का भी है। अगर समय रहते स्वास्थ्य केंद्र के नए भवन के निर्माण पर ध्यान नहीं दिया गया तो इससे कभी कोई हादसा भी हो सकता है।
सैदपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण प्रदेश के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री प्रभु नारायण सिंह ने वर्ष 1975 में कराया था। जिसे बने हुए अब तक लगभग 50 वर्ष हो चुके हैं। इस दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मिलने वाली सुविधाएं बढ़ी हैं, लेकिन भवन की जर्जर अवस्था इन सुविधाओं को मुंह चिढ़ा रही है।
ऊपरी मंजिल के लिये रैंप नहीं
भवन की पहली मंजिल पर टीबी जांच, नेत्र विभाग, एड्स जांच और दंत विभाग की सुविधाएं हैं। लेकिन दिव्यांगों को ऊपरी मंजिल पर जाने के लिए रैंप नहीं है, इसलिए अब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नए भवन और रैंप की मांग होने लगी है।
प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान
बीते कुछ वर्षों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आने वाले उच्चाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से स्थानीय चिकित्सक और समाजसेवी, लगातार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के नए भवन निर्माण की मांग करते रहे हैं। लेकिन अभी तक इस ओर प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया है।
अधीक्षक बोले-अफसरों को कराया है अवगत
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ संजीव सिंह ने बताया कि उच्चाधिकारियों से लेकर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों तक सभी से चिकित्सालय के जर्जर भवन हेतु निवेदन किया गया है। उम्मीद है जल्द ही शासन इस ओर ध्यान देगा।
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