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डाउनलोड करेंसरकार की लाख कोशिशों के बाद भी सरकारी कर्मचारियों की कार्यशैली में सुधार का नाम नहीं आ रहा है। अधिकारियों का ड्यूटी पर आने का ढर्रा सालों पुराना है। सीएम से लेकर डीएम तक आए दिन अधिकारियों और कर्मचारियों को समय से दफ्तरों में बैठने की नसीहत देते हैं, लेकिन इसका असर नहीं होता है।
कुछ ऐसा ही मामला बिजली विभाग के दफ्तर में देखने को मिला तो उच्चाधिकारी समय से उपस्थित न होने वाले कर्मचारियों का 1 दिन का वेतन काटने का दावा करने लगे। दैनिक भास्कर की टीम ने बिजली विभाग के विद्युत वितरण खंड प्रथम के एक्सईएन कार्यालय की पड़ताल की।
एक्सईएन के अलावा 1-2 कर्मी ही मौजूद
इस दौरान कई सरकारी कक्ष सुबह 10 बजे के बाद भी बंद मिले। वहीं जिन कक्षों के दरवाजे खुल गए थे, वहां अधिकारी और कर्मचारी नहीं पहुंचे थे। पड़ताल के दौरान इस कार्यालय के एक्सईएन के अलावा एक दो कर्मचारी 10:15 बजे तक कार्यालय में मौजूद मिले। इसके अलावा आधा दर्जन से ज्यादा कर्मचारियों की कुर्सियां खाली ही मिलीं।
जाम की वजह से देरी होना बताया
इस बाबत अधिशासी अभियंता मनीष कुमार ने बताया कि अमूमन 10:15 बजे तक अधिकारी कर्मचारी कार्यालय में आ जाते हैं। संभवत जाम वगैरह की वजह से विलंब हो रहा है। फिलहाल समय से न आने वाले कर्मियों का 1 दिन का वेतन काटा जाएगा।
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