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डाउनलोड करेंगाजीपुर में सहकारी समिति नोनहरा पर खाद की कालाबाजारी, सरकारी रेट से अधिक कीमत पर वितरण करने वाले सचिव के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई को लेकर अखिल भारतीय किसान महासभा का धरना चल रहा है। किसानों को खाद, बीज का तत्काल वितरण कराने, सचिव को हटाने को लेकर किसान महासभा के नेता इंकलाबी, नौजवान सभा के जिलाध्यक्ष मनोज कुशवाहा के नेतृत्व में 5 नवंबर से शुरू भूख-हड़ताल दूसरे दिन भी जारी है।
ताला बंद कर भाग गए हैं सचिव
हड़ताल स्थल पर उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि भ्रष्टाचार का सवाल उठाने पर भड़के सहकारी समिति के सचिव ने तानाशाही का परिचय देते हुए खाद बांटना बंद कर दिया है। गोदाम में खाद बंद करके भाग गए हैं, जिससे किसानों के गेहूं, आलू की बुवाई एक सप्ताह लेट हो गई है। किसान परेशान हैं और जिला प्रशासन आंख-कान बंद कर गूंगा-बहरा बनकर बेखबर बना हुआ है।
जबरन हो रही वसूली
नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार खेती-किसानी को काले कृषि कानूनों के जरिए छीन लेने पर उतारू है। वहीं ऐसे सचिव खाद की कालाबाजारी और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देकर और खाद न बांट कर खेती बर्बाद करने पर उतारू हैं। 1,200 सरकारी रेट है, लेकिन 1220 रुपए प्रति बोरी जबरिया वसूला जा रहा है। पांच साल से खाद नहीं आ रही है। 1,200 बोरी खाद आवंटित है, लेकिन 170 बोरी ही बंट पाई। सचिव नहीं बता रहे हैं कि शेष खाद कहां है।
भ्रष्टाचार के खेल में डूबे 20 वर्षों से जमे सचिव को तत्काल हटाने, डीएपी और यूरिया को प्रचूर मात्रा में उपलब्ध कराकर बंटवाने की मांग उठाई। इस खेल में जिले के सहायक निबंधन अधिकारी खुलेआम शामिल हैं। वहीं नोनहरा में क्रय केंद्र खोलने और धान खरीद की गारंटी कराने की मांग उठाई, क्योंकि इस इलाके के किसान मुहम्मदाबाद अपनी फसल ले जाकर बेचने को विवश हैं।
22 नवंबर को लखनऊ में होगा धरना
वक्ताओं ने कहा कि, तीनों कृषि कानून अगर देश में लागू हो गए तो खेती धीरे-धीरे कॉरपोरेट घरानों के हाथों में चली जाएगी। मंडी कानून अगर लागू हो गया तो सरकारी गोदामों में चला जाएगा। इस तरह से करोड़ों गरीबों को सस्ते दर पर मिलने वाला राशन छिन जाएगा। उन्होंने 22 नवंबर को लखनऊ में आयोजित किसान महापंचायत को सफल बनाने के लिए भारी से भारी तादाद में पहुंचने का आह्वान किया।
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