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डाउनलोड करें26 नवंबर 2020 को दिल्ली के बॉर्डर पर शुरू हुए किसान आंदोलन को औपचारिक रूप से समाप्त करने का ऐलान आखिरकार 9 दिसंबर 2021 को हो गया। सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक चली। इस बैठक में मौजूद राजस्थान के किसान नेता हिम्मत सिंह गुर्जर ने 'दैनिक भास्कर' को बताया कि केंद्र सरकार का अधिकारिक पत्र आ गया है। SKM ने निर्णय लिया है कि किसान आंदोलन स्थगित किया जाता है। हम दिल्ली की घेराबंदी समाप्त कर सभी मोर्चे ख़ाली कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि CDS बिपिन रावत के शहीद होने के कारण कल यानि 10 दिसंबर को अंतिम संस्कार होने बाद ही मोर्चे से रवाना होंगे। 11 दिसंबर को मोर्चे से जश्न के साथ रवाना होंगे। SKM की अब आखिरी बैठक शुरू हो गई है। इस बैठक के समाप्त होते ही आंदोलन समाप्ति की घोषणा मंच से की जाएगी। इस बैठक के बाद भाकियू नेता राकेश टिकैत गाजीपुर बॉर्डर पर आएंगे और मंच से आंदोलन समाप्ति का ऐलान करेंगे।
टिकैत आकर देंगे फैसले की जानकारी
बुधवार रात सिंघु बॉर्डर पर बैठक में शामिल होने के बाद भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत देर रात गाजीपुर बॉर्डर पर लौट आए। उन्होंने किसानों से इस बैठक पर चर्चा की। सिंघु बॉर्डर पर आज फिर बैठक में राकेश टिकैत शामिल हुए हैं। वहां आंदोलन वापसी का औपचारिक ऐलान होते ही टिकैत फिर से गाजीपुर बॉर्डर पर आएंगे और किसानों को संबोधित करेंगे। इसी तरह अन्य किसान नेता अपने-अपने मोर्चों पर जाकर किसानों को उनकी जीत के बारे में बताएंगे।
एक्सप्रेस-वे खाली होने को चाहिए एक हफ्ता
किसानों का मानना है कि अगर आज अधिकारिक रूप से आंदोलन वापसी का ऐलान हो जाता है, तो भी उन्हें यहां से जाने में कई दिन लग जाएंगे। करीब एक किलोमीटर एरिया में किसानों के टेंट-तंबू लगे हैं। इसमें कई पक्के निर्माण भी हैं। उन सबको समेटने में कई दिन का वक्त लग जाएगा। इसके बाद दिल्ली पुलिस अपनी बैरिकेडिंग हटाएगी। माना जा रहा है कि मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस को पूरी तरह खाली होने में करीब एक हफ्ते का वक्त लग सकता है।
एक दिन पहले किसानों को पहुंचने की थी अपील
गाजीपुर बॉर्डर पर गुरुवार को इकट्ठा होने के लिए किसानों से अपील की गई थी। इस दिन को ऐतिहासिक बताते हुए बॉर्डर पर पहुंचने के लिए बोला गया था। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रदेश महासचिव पवन खटाना ने वॉट्सऐप ग्रुप में मैसेज भेजकर किसानों से बॉर्डर पहुंचने के लिए बोला था। इसी तरह दूसरे किसान संगठनों ने भी अपने-अपने प्रतिनिधियों से गाजीपुर बॉर्डर के किसान क्रांति गेट पर पहुंचने की अपील की। बॉर्डर पर किसानों की भीड़ सुबह से ही जुटनी शुरू हो गई थी।
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