पाएं अपने शहर की ताज़ा ख़बरें और फ्री ई-पेपर
डाउनलोड करेंहरिद्वार और रायपुर की धर्म संसद पर अब तक घमासान जारी है। इस बीच 23 जनवरी को यूपी के अलीगढ़ में अखिल हिंदू महासभा की ओर से धर्म संसद की तैयारियां तेज हो गई हैं। पिछले दिनों एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने वकील कपिल सिब्बल से कहा है कि हम इस धर्म संसद को रोकने का आदेश नहीं कर रहे, आप इसके लिए राज्य सरकार को ज्ञापन दें। सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद 10 प्रोफेसर, लेखकों ने यूपी के मुख्य सचिव को एक पत्र लिखा है। धर्म संसद का आयोजन रोकने का आग्रह किया है।
इन 10 लोगों ने लिखा है पत्र
यह पत्र अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय वर्धा के रिटायर्ड कुलपति विभूति नारायन राय, लखनऊ यूनिवर्सिटी की रिटायर्ड कुलपति रूपरेखा वर्मा, लखनऊ यूनिवर्सिटी के रिटायर्ड प्रोफेसर रमेश दीक्षित, भारतीय जननाट्य संघ के राष्ट्रीय सचिव राकेश वेदा, लेखक और समीक्षक वीरेंद्र यादव, लेखक और कलाकार राजीव ध्यानी, लेखक और कवि अजय सिंह और भगवान स्वरूप कटियार, लेखिका वंदना मिश्रा और कौशल किशोर की तरफ से लिखा गया है।
मुख्य सचिव से अपील, आयोजन की न दें अनुमति
पत्र में इन लोगों ने मुख्य सचिव यूपी को बताया है कि 23 जनवरी 2022 को अलीगढ़ में धर्म संसद के आयोजन की घोषणा की गई है। हरिद्वार की धर्म संसद में जिस प्रकार आपसी वैमनस्य और शांति शांति हुई और जिस प्रकार राज्य को उनके खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ी, उससे स्पष्ट है कि चुनाव के समय साम्प्रदायिक लिहाज से संवेदनशील अलीगढ़ में इस तरह की धर्म संसद से तनाव होगा। पत्र में कहा गया है कि इस तरह की धर्म संसद अन्य जगहों पर भी करने की योजना बनाई जा रही है जो चिंताजनक है। हरिद्वार में पुलिस कार्रवाई के विरोध में पूरे देश में धर्म संसद से जुड़े लोगों ने प्रदर्शन करने का भी ऐलान किया है। मांग की गई है कि इस तरह के आयोजनों को अनुमति न दी जाए।
हरिद्वार धर्म संसद में क्या हुआ था?
हरिद्वार में 17 से 19 दिसंबर तक धर्म संसद हुई। इसमें एक समुदाय को टारगेट करते हुए उसे खत्म करने जैसी बातें कही गईं। ज्वालापुर पुलिस ने इस मामले में 23 दिसंबर को 10 धर्मगुरुओं के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। मामले में पहली गिरफ्तारी 13 जनवरी को जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की हुई। इसके विरोध में जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर नरसिंहानंद गिरि हरिद्वार में हरकी पैड़ी पर उपवास पर बैठ गए हैं।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.