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डाउनलोड करेंदिल्ली-मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर के प्रायोरिटी सेक्शन (साहिबाबाद से दुहाई डिपो तक) में विद्युत ओएचई का विद्युतीकरण (चार्ज) अक्तूबर माह से आरंभ होने वाला है। रेल ट्रैक के ऊपर लगाए जा रहे ओवर हेड इक्विपमेंट (ओएचई) का 25000 वोल्ट की क्षमता के साथ विद्युतीकरण (चार्ज) होगा। ओएचई लगाने का काम तेजी से जारी है। आपको बता दें कि रैपिड रेल का ट्रायल रन नवंबर में प्रस्तावित है।
दोनों ट्रेनों की स्टेटिक-डायमेनिक टेस्टिंग जारी
NCRTC प्रवक्ता पुनीत वत्स ने बताया, दुहाई डिपो में ट्रेनों की स्टेटिक और डायनामिक टेस्टिंग के लिए आईबीएल (इंस्पेक्शन बे लाइन) और टेस्ट ट्रैक को पहले ही चार्ज किया जा चुका है। हाल ही में गुजरात के सांवली से दूसरी रीजनल रैपिड रेल ट्रेन सेट दुहाई डिपो में पहुंचा है। जबकि पहला ट्रेन सेट जून महीने में आ गया था। इन दोनों ट्रेनों की स्टेटिक और डायनेमिक टेस्टिंग की जा रही है। अब दोनों ट्रेनो की टेस्टिंग को आगे बढ़ाया जा रहा है।
यूपी में बिजली सप्लाई करेगी UPTCL
प्रायोरिटी सेक्शन के संचालन के लिए विद्युत आपूर्ति हेतु उत्तर प्रदेश में उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीटीसीएल) से करार किया गया है। यूपीटीसीएल के सब स्टेशन ग्रिड से 220 KV बिजली NCRTC के गाजियाबाद स्थित विद्युत सब स्टेशन तक आ रही है और यहां से 25 KV की बिजली ट्रेनों के संचालन के लिए और 33 KV बिजली आरआरटीएस स्टेशनों की समस्त जरुरतों के लिए इस्तेमाल की जाएगी।
गाजियाबाद में बनाया रिसीविंग सब स्टेशन
प्रायोरिटी सेक्शन में विद्युत आपूर्ति के लिए गाजियाबाद में रिसीविंग सब-स्टेशन (आरएसएस) बनाया गया है। यहां 50 मेगावाट की क्षमता के ट्रांसफार्मर्स लगाए गए हैं। इन सभी ट्रांसफार्मर्स की टेस्टिंग आदि पूर्ण कर ली गई है। यहीं से दुहाई डिपो में विद्युत आपूर्ति की जा रही है। अब यह आरएसएस कॉरिडोर पर विद्युत आपूर्ति के लिए भी तैयार है।
पांच स्टेशनों को पूरा करने पर तेजी से काम जारी
प्रायोरिटी सेक्शन में साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो स्टेशन हैं। सभी स्टेशन जल्द तैयार होने वाले हैं। विश्वस्तरीय आरआरटीएस ट्रेनों के संचालन के लिए प्रायोरिटी सेक्शन लगभग तैयार हो चुका है। वर्तमान में यहां स्टेशनों की रूफ शेड लगाने, प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर्स (पीएसडी) लगाने और स्टेशनों की फिनिशिंग का कार्य प्रारम्भ हो चुका है, जबकि यहां ट्रैक बिछाने, ओएचई, सिग्नलिंग और टेलिकॉम का कार्य अंतिम चरण में है। प्रायोरिटी सेक्शन में मार्च 2023 में आरआरटीएस की पहली ट्रेन चलाने का लक्ष्य है। उल्लेखनीय है कि 82 किमी लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर 25 स्टेशन हैं और एनसीआरटीसी पूरे कॉरिडोर पर 2025 तक ट्रेनों का संचालन शुरू करने के लक्ष्य पर कार्य कर रही है।
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