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डाउनलोड करेंपूर्व कैबिनेट मंत्री एवं वर्तमान सपा MLC नरेंद्र भाटी 17 नवंबर को भाजपा में शामिल होंगे। भाजपा के सूत्रों ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि वह लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में पार्टी की सदस्यता लेंगे। वह मुलायम सिंह यादव के काफी करीबी रहे हैं।
सपा में नरेंद्र भाटी की पहचान वेस्ट यूपी के बड़े गुर्जर नेता के रूप में होती है। उनको मार्च, 2016 में सपा ने एमएलसी बनाया था। कुछ दिनों बाद ही उनका यह कार्यकाल समाप्त हो रहा है। 1996 के बाद से वह एक बार भी विधानसभा चुनाव नहीं जीत पाए। इसके बावजूद उन्हें सपा ने 2 बार की सरकारों में कैबिनेट मंत्री बनाया। इससे सपा में उनके कद का अंदाजा लगाया जा सकता है।
1975 में कांग्रेस से जुड़े, अब सपा को कहेंगे बाय नरेंद्र भाटी गौतमबुद्धनगर में दादरी क्षेत्र के गांव बोड़ाकी के रहने वाले हैं। 1975 में उन्होंने युवा कांग्रेस सदस्य के रूप में राजनीतिक करियर की शुरुआत की। 1980 में ब्लॉक प्रमुख चुने गए। इसके 3 साल बाद वह लोकदल में शामिल हो गए। 1989, 1991 और 1996 में उन्होंने सिकंदराबाद विधानसभा सीट से चुनाव जीता।
2006 में सपा ने नरेंद्र भाटी को भूमि सुधार विभाग में अध्यक्ष पद के साथ कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया। 7 मार्च, 2016 को पार्टी ने उन्हें MLC बनाया। इस दौरान वह यूपी स्टेट एग्रो इंडस्ट्रियल कॉरपोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष भी रहे।
वह बुलंदशहर की सिकंदराबाद विधानसभा सीट से सपा के टिकट पर कई बार हारे। इसके बावजूद मुलायम सिंह यादव ने उनका कद छोटा नहीं होने दिया। मुलायम सिंह ने एक बार सभा में भीड़ से यह तक कह दिया दिया था कि 'आप इसे हराते रहो, मैं टिकट देता रहूंगा'।
दुर्गा शक्ति नागपाल को कराया था सस्पेंड
2013 में अखिलेश यादव की सरकार थी। खनन माफिया के खिलाफ नोएडा में तैनात तत्कालीन IAS अफसर दुर्गा शक्ति नागपाल ने कड़ी कार्रवाई की थी। नरेंद्र भाटी के कहने पर दुर्गा शक्ति नागपाल को CM अखिलेश यादव ने सस्पेंड कर दिया था। इससे पहले उन्होंने दनकौर में एक कार्यक्रम में 41 मिनट के भीतर IAS को सस्पेंड कराने का दावा किया था। इसके बाद वह नेशनल मीडिया में छा गए थे।
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