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डाउनलोड करें81 गांवों के किसान मुआवजा संबंधी मांगों को लेकर पिछले 78 दिनों से धरने पर बैठे हैं। 76 दिनों तक किसान नोएडा के गांव हरौला के बारात घर में धरने पर रहे। 16 नवंबर को उन्होंने नोएडा प्राधिकरण के दफ्तर पर डेरा डाल दिया। इस बीच वे कई बार प्राधिकरण के नए निर्माण कार्य को रुकवा चुके हैं। हंगामा, तोड़फोड़ करने और धारा-144 का उल्लंघन करने में अब तक 150 किसानों को जेल भेजा जा चुका है। कई स्तरों पर वार्ता हो चुकी है, लेकिन किसान पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हैं।
सरकार ने अब किसानों को मनाने की जिम्मेदारी मेरठ मंडल के कमिश्नर सुरेंद्र सिंह को सौंपी है। कमिश्नर ने इस पूरे मामले की कमान अपने हाथ में ले ली है। सूत्रों का कहना है कि विधानसभा चुनाव के मद्देनजर शासन ने ऐसा किया है, ताकि किसान नाराज न रह सकें। कमिश्नर पिछले तीन दिनों से नोएडा में डेरा डाले हैं। किसानों की मांगों के संबंध में प्राधिकरण के अधिकारी बातचीत करने में लगे हैं। कमिश्नर सुरेंद्र सिंह ने गुरुवार को पहले प्राधिकरण अफसरों से केस का स्टेटस जाना, फिर किसान नेताओं से वार्ता की है। माना जा रहा है कि इस आंदोलन में जल्द कोई हल का रास्ता निकल सकता है।
किसानों की प्रमुख पांच मांगें
किसी ने नहीं सुनी समस्या
आंदोलन किसान नेता सुखबीर खलीफा के नेतृत्व में चल रहा है। सुखबीर खलीफा का कहना है कि किसान 76 दिनों से हरौला बारात घर पर धरना दे रहे थे, लेकिन किसी ने उनकी एक समस्या आकर नहीं सुनी। इसलिए अब नोएडा प्राधिकरण दफ्तर पर डेरा डाले हैं। उन्होंने बताया कि प्राधिकरण दफ्तर के बाहर टेंट लगा दिए गए हैं। खाने-पीने के लिए भट्टी चढ़ा दी गई है।
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