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डाउनलोड करेंफिरोजाबाद की टूंडला तहसील में कार्यरत एक बाबू ने चपरासी की नौकरी दिलाने के नाम पर 20 हजार की रिश्वत मांगी थी। कर्मचारी ने पत्नी के जेवर गिरवी रख 15 हजार रुपये दे दिए, लेकिन पांच हजार रुपये कम होने के कारण नौकरी नहीं दी। रिश्वत मांगने का ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद एसडीएम ने मामले की जांच तहसीलदार को सौंपी थी। अब मामले को दबाने की कोशिश हो रही है।
आगरा के बरहन निवासी सौदान सिंह ने आरोप लगाया था कि वह 6 जून 1989 को सीजनल संग्रह सेवक (चपरासी) के पद पर नियुक्त हुआ था। तभी से वह टूंडला तहसील में सेवाएं दे रहा था। पिछले साल सितंबर माह में संबद्ध प्रशासनिक अधिकारी (क्लर्क) के रूप में कार्यरत राजेंद्र सिंह ने 20 हजार रुपये की मांग की। पांच हजार रुपये कम देने पर उसके स्थान पर दूसरे व्यक्ति को रुपये लेकर नौकरी पर रख लिया था। इसकी शिकायत उन्होंने एसडीएम समेत अन्य अधिकारियों से भी की है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
बातचीत का ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल
नौकरी पाने वाले और क्लर्क के बीच हुई बातचीत का ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। एक फोटो भी सामने आया था। जिसमें क्लर्क जेब में पैसे रखते हुए दिख रहा था। बाबू एक अधिकारी का भी नाम ले रहा था।
एक महीने बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
पूरे मामले की जांच तत्कालीन एसडीएम डॉ. बुशरा बानो ने तहसीलदार डा. संतराज सिंह को सौंपी थी। एक सप्ताह में रिपोर्ट सौंपी जानी थी, लेकिन एक माह का समय बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। तहसीलदार की जांच रिपोर्ट भी अब तक सामने नहीं आई है। जांच के नाम पर मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है।
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