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डाउनलोड करेंफिरोजाबाद जिले में नौ माह से निलंबित चल रहे सफई कर्मचारी की बेटी ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया। बेटी के शव को लेकर लाचार पिता विकास भवन के सामने धरने पर बैठ गया। पीड़ित पिता ने बताया कि निलंबन के दौरान उसे विभाग की तरफ से जीवन निर्वाह भत्ता भी नहीं मिल रहा था. कई बार अधिकारियों से गुहार लगाने पर भी कोई सुनवाई नहीं हुई। पैसे के अभाव में वह बेटी का इलाज नहीं करा सका, जिसके चलते उसकी बेटी की मौत हो गई.
निलंबन के बाद नहीं मिल रहा था आधा वेतन
बता दें कि पूरा मामला उत्तर थाना क्षेत्र के दम्मामल नगर का है। यहां का रहने वाला सुजीत पंचायत राज विभाग में सफाई कर्मचारी के पद पर कार्यरत है। विगत नौ माह से वह निलंबित चल रहा है। पीड़ित का कहना है कि निलंबित होने के बाद उसे भरण पोषण के रूप में मिलने वाला आधा वेतन भी नहीं दिया जा रहा है। इसके चलते उसका परिवार भुखमरी की कगार पर आ गया है। वह कई बार अधिकारियों से गुहार लगाने गया, लेकिन हर बार उसे भगा दिया गया।
वेतन देने की बजाय कार्यालय से भगाया
तीन दिन पहले उसकी 12 वर्षीय बेटी अब्बू को बुखार आ गया और वह उसका इलाज कराने के लिए पंचायत राज विभाग के बाबू के पास वेतन निकलवाने के लिए पहुंचा तो उसने वेतन देने की बजाय उसे वहां से भगा दिया। इलाज न मिलने के कारण शुक्रवार सुबह बेटी ने दम तोड़ दिया। इलाज के अभाव में हुई बेटी की मौत के बाद अपने आप को कोस रहा कर्मचारी शव लेकर विकास भवन पहुंच गया, जहां उसने अधिकारियों और बाबू पर उसकी मदद न करने का आरोप लगाया।
अब जाकर किया बहाल
इस मामले में जिला पंचायत राज अधिकारी नीरज सिन्हा का कहना है कि अनुपस्थित रहने पर मार्च में उसको निलंबित किया गया था। अप्रैल में उसको आरोप पत्र दिया गया था। जीवन भत्ता दिया गया है। मानवीय संवेदना के आधार पर उसको बहाल कर दिया गया है, जो भी इसका रुका हुआ वेतन था, उसे भी निर्गत कर दिया गया है। बता दें कि सफाईकर्मी सुजीत की फिरोजाबाद ब्लॉक के लडूपुर चकरपुर में तैनाती थी।
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