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डाउनलोड करेंफतेहपुर में शौचालय लाभार्थियों का हक मारने के मामले में डीएम ने बड़ी कार्रवाई की है। डीएम ने जांच में दोषी पूर्व प्रधान, सचिव, रोजगार सेवक और अन्य 8 लोगों के खिलाफ गबन का मुकदमा दर्ज कराया है। साथ ही सचिव के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की है। पूर्व ग्राम प्रधान और सचिव द्वारा गबन किए गए रकम को रिकवरी किए जाने का आदेश दिया है।
बहुआ ब्लॉक के रामपुर बरवट गांव मामला
बता दें कि मामला बहुआ ब्लॉक के रामपुर बरवट गांव का है। जहां सचिव और पूर्व ग्राम प्रधान ने लाभार्थियों का हक मारकर अपने चहेतों को इसका फायदा पहुंचाया था। गांव के रहने वाले संतोष सिंह तोमर ने पूर्व ग्राम प्रधान के खिलाफ शौचालय घोटाला किए जाने की शिकायत तत्कालीन डीएम से की थी। जिसके बाद तत्कालीन डीएम ने इस पूरे मामले में जांच के आदेश दिए थे। शिकायतकर्ता ने डीएम को शिकायती पत्र देते हुए यह आरोप लगाया था कि पूर्व ग्राम प्रधान और सचिव की मिलीभगत के कारण लाभार्थियों को शौचालय का लाभ नहीं मिल पाया। खुद मेरे परिवार में आए 5 शौचालय का लाभ अपने चहेतों को दे दिया है।
172 ऐसे लाभार्थियों का हक मारा
शिकायत के बाद डीएम ने टीम गठित कर इस पूरे मामले की जांच कराई। जांच के दौरान यह पता चला कि शौचालय के कुल 172 ऐसे लाभार्थी हैं, जिनका नाम सूचि में आने के बावजूद उन्हें शौचालय उपलब्ध नहीं कराया गया। पूर्व ग्राम प्रधान और सचिव ने लाभार्थियों का हक मारकर इसका लाभ अपने चहेतों को दे दिया। साथ ही अपने चहेतों को शौचालय बनाने के लिए चेक के माध्यम से भुगतान भी किया।
11 लोगों पर गबन का मुकदमा दर्ज
लाभार्थियों को बिना शौचालय का लाभ दिए हुए सूची में बतौर नाम दर्ज करा दिया गया। वहीं अधूरे पड़े शौचालय को जीयो टैगिंग में पूरा दिखा दिया गया। जिसके बाद डीएम के आदेश पर पूर्व ग्राम प्रधान, सचिव, रोजगार सेवक और अन्य 8 लोगों के खिलाफ गबन का मुकदमा दर्ज कराया गया। डीएम ने गबन किए गए 14 लाख 76 हजार रुपए पूर्व ग्राम प्रधान और सचिव से रिकवरी किए जाने का आदेश दिया है।
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