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डाउनलोड करेंयूपी के फतेहपुर जिले में सामाजिक संगठनों ने कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचकर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में मांग की गई कि, मुगल रोड की जगह बावनी इमली स्मारक मार्ग किया जाए। साथ ही बावनी इमली स्मारक के बगल में पड़ी जमीन में 52 फलदार वृक्षों को लगाकर शहीदों के नाम कर जोधा सिंह अटैया स्मृति उपवन किए जाने कि मांग की है।
डॉक्टर सत्य नारायण सेवा फाउंडेशन के तत्वावधान में यूथ आइकॉन डॉक्टर अनुराग श्रीवास्तव के नेतृत्व में जिले के सामाजिक संगठनों के लोगों ने बिंदकी स्थित बावनी इमली को जाने वाली मार्ग मुगल रोड का नाम बदलकर बावनी इमली स्मारक मार्ग करने की मांग की गई। साथ ही शहीद स्थल बावनी इमली स्मारक के बगल में पड़ी जमीन पर फलदार वृक्षों का लगाने के साथ सभी वृक्षों में 52 शहीदों का नामकरण व उस स्थान को जोधा सिंह अटैया स्मृति उपवन किया जाने की मांग की गई है।
52 लोगों को दी गई थी फांसी
जिलाधिकारी को दिए ज्ञापन में यूथ आइकॉन अनुराग श्रीवास्तव, सर्व फॉर ह्यूमैनिटी के अध्यक्ष गुरमीत सिंह, राष्ट्रीय खिलाड़ी सागर कुमार, साहित्यकार मधुसूदन दीक्षित ने कहा कि अंग्रेजी हुकूमत ने एक साथ 52 लोगों को इमली के पेड़ पर फांसी पर लटकाया था। जिस वजह से इसका नाम बावनी इमली स्मारक स्थल पड़ गया था।पर्यटकों में देश भक्ति के भावना जागृति होती है।
बावनी इमली का इतिहास
28 अप्रैल, 1858 को, ब्रिटिश सेना ने इमली के पेड़ पर 52 स्वतंत्रता सेनानियों को फांसी दी थी। इमली का पेड़ अभी भी मौजूद है। लोगों का मानना है कि नरसंहार के बाद वृक्ष का विकास बंद हो गया है। जिला के बिंदकी उपविभाग में यह जगह शहर के खजुहा के बहुत करीब है।
ज्ञापन देने वालों में समाजसेवी महेश चंद्र त्रिपाठी, महेंद्र शुक्ल, आचार्य राम नारायण, विवेक श्रीवास्तव, कवि प्रवीण प्रसून श्रीवास्तव, अभिनव श्रीवास्तव मौजूद रहे।
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