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डाउनलोड करेंफर्रुखाबाद में पांचाल घाट स्थित कुष्ठ मुक्त आश्रम पर कुष्ठ मुक्त रोगियों को स्वास्थ्य विभाग की तरफ से सेल्फ केयर किट (लोसन, ट्यूब, बैंडेज) मिठाई और फल का वितरण प्रभारी जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ दीपक कटारिया द्वारा किया गया। इसके साथ ही जिले की सीएचसी, सिविल अस्पताल और सीएमओ आफिस में स्वास्थ्य कर्मियों ने कुष्ठ रोगियों की पहचान, उनका इलाज कराने के साथ ही उनसे भेदभाव न करने की शपथ ली गई l
डॉ कटारिया ने कुष्ठ रोगियों को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी कुष्ठ रोगियों के प्रति पूरी तरह स्नेह एवं सेवा का भाव रखते थे। उन्होंने कहा कि कुष्ठ रोग से ग्रसित व्यक्ति से किसी को भी कोई भेदभाव नहीं करना चाहिए। कुष्ठ रोग के लक्षण वाले व्यक्ति को उनके नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर जाने के लिए प्रेरित करना चाहिए, ताकि उनका पूर्ण इलाज हो सके।
कुष्ठ रोग का इलाज एमडीटी के माध्यम से रहा
लोगों को समाज में कोई भी ऐसा व्यक्ति जो कुष्ठ रोग से प्रभावित था और उनका इलाज एमडीटी के माध्यम से हो चुका है, तो उनके साथ घूमने, बैठने, खाने इत्यादि पर किसी प्रकार का भेदभाव नहीं करना चाहिए। इस दौरान 55 वर्षीय नन्हें ने बताया कि मुझे कुष्ठ रोग हो गया था। मैंने 12 महीने दवा का सेवन किया अब रोग से मुक्त हो गया हूं l मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि जिस किसी में भी कुष्ठ रोग के लक्षण दिखाई दे रहे हों वह सरकारी अस्पताल जाकर अपना इलाज करा सकता है l
वर्तमान में जिले में 67 लोग कुष्ठ रोग से ग्रसित
स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसके इलाज के लिए एमडीटी. (मल्टी ड्रग थेरेपी) का उपयोग किया जाता है। एमडीटी का पूरी खुराक नियमानुसार सेवन करने के बाद कोई भी कुष्ठ प्रभावित व्यक्ति सामान्य इंसान जैसा हो सकता है। वर्तमान में जिले में 67 लोग कुष्ठ रोग से ग्रसित हैं। इसके साथ ही इस वित्तीय वर्ष में 43 नए कुष्ठ रोगी की पहचान हुई, जिनका इलाज चल रहा है।
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