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डाउनलोड करेंफर्रुखाबाद में मंत्री जयवीर सिंह ने दावा किया है कि वह शीघ्र ही आपसी सहमति से संकिसा के स्तूप के विवाद को निपटाने का भरपूर प्रयास करेंगे। उन्होंने अमृरतपुर विधायक सुशील शाक्य से कहा कि स्तूप के विवाद को लोगों के साथ बैठकर निपटाया जाए।
दरअसल, मंत्री जयवीर सिंह सोमवार को संकिसा में बुद्ध पूर्णिमा पर शामिल होने आए थे। वह राजघाट स्थित कंबोडिया बुद्ध विहार गए। मंत्री पैदल ही बुद्धिस्ट सोसायटी आफ इंडिया सेंटर में गए। वहां विशाल गज स्तंभ का जायजा लिया। इसके बाद वह सुरेश बौद्ध के कार्यालय पहुंचे। मंत्री जयवीर सिंह ने सुरेश बौद्ध से संस्था के बारे में जानकारी मांगी।
प्रधान से ली मंत्री ने जानकारी
सुरेश बौद्ध ने मंत्री को बताया की संकिसा तिराहा स्थित धम्मा लोलों को बुद्ध विहार से काली नदी पुल तक दो 2 ग्राम पंचायतों का क्षेत्र है। मंत्री जयवीर सिंह ने पुनपालपुर ग्राम पंचायत के प्रधान दीपक राजपूत को बुलाकर क्षेत्र के विकास के बारे में जानकारी की।
मंत्री ने कहा- कैसे संकिसा स्तूप का विवाद हल हो सकता है। उन्होंने बताया कि हम विवाद निपटाने के लिए समय निकालेंगे, आपके व क्षेत्रीय जनता एवं जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर विवाद को दोनों पक्षों की सहमति से निपटाने का प्रयास करेंगे।
तीन जिलों की लगती हैं सीमाएं
अमृतपुर क्षेत्र के विधायक सुशील शाक्य से मंत्री ने कहा कि आप जब लखनऊ आए तो समय निकाल कर आना। बैठकर संकिसा के विवाद के प्रकरण को समझेंगे और विवाद निपटाने की भूमिका बनाएंगे। आपके माध्यम से संकिसा में काफी विकास हुआ है।
अब हम आपके साथ मिलकर संकिसा बौद्ध तीर्थ स्थल का और बेहतर ढंग से सुंदरीकरण कराएंगे। जसराजपुर संकिसा से अलग नहीं है, बल्कि संकिसा से ही जुड़ा है। संकिसा से राजघाट तक सड़क का चौड़ीकरण करा कर विद्युतीकरण कराएंगे।
बुद्ध के बताए रास्ते पर चलें
कार्यक्रम के दौरान कायमगंज क्षेत्र की विधायक सुरभि गंगवार एवं सांसद संघमित्रा मौर्य भी पहुंची। मंत्री जयवीर सिंह विधायक सुशील शाक्य ने विचार व्यक्त किए। अनुयायियों से भगवान बुद्ध के बताए गए रास्ते पर चलने का आवाहन किया। मंत्री ने भगवान बुद्ध के स्तूप की परिक्रमा की और पूजन किया।
दशकों पुराना है विवाद
बता दें, संकिसा बौद्ध स्तूप का विवाद कई दशकों से चल रहा है। मामला अदालत में भी विचाराधीन है। स्तूप के ऊपर सनातन धर्मियों ने हनुमान की मूर्ति एवं शिवलिंग स्थापित किए हैं। कट्टर बौद्ध अनुयाई किसी भी देवी देवता की मूर्ति को देख कर भड़कते हैं।
यदि आपसी सहमति से स्तूप का विवाद निपट जाता है तो यह बहुत बड़ी उपलब्धि होगी। बौद्ध स्तूप के कारण ही संकिसा का काफी विकास हुआ है करीब एक दर्जन विदेशी बुद्ध विहारों का निर्माण हुआ है।
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