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डाउनलोड करेंयूपी के एटा जिले में स्थित मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की लापरवाही तब उजागर हो गई, जब आग में झुलसे एक साधु को इलाज नहीं मिला और वह नाली में लेटकर जलन बुझाने लगा। साधु की इस हरकत का लोगों ने वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इसके बाद मामला मीडिया में आने के बाद प्रदेश के उप मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने इस पर संज्ञान लिया। उन्होंने इस संबंध में आज शामतक रिपोर्ट मांगी है।
नाली के पानी में लेटा था बुजुर्ग साधु
दरसअल, बीते सोमवार को एटा मेडिकल कॉलेज में जैथरा के गोशलपुरा के रहने वाले साधु रामजीलाल खाना बनाते हुए झुलस गए थे। जिन्हें एटा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। आरोप है कि डॉक्टरों ने उसका इलाज नहीं किया और उसको भगा दिया। बुरी तरह से झुलस जाने की वजह से जब साधु की जलन शांत नहीं हुई तो वह नाली के पानी में अपनी जलन से राहत पाने के लिए लेट गया।
इस दौरान वह डॉक्टरों पर आरोप लगाया कि उन्होंने उसका इलाज नहीं किया और उसको तड़पने के लिए छोड़ दिया। इस दौरान मौजूद लोगों ने इसका वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। मामला सुर्खियों में आने के बाद स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने इस पर संज्ञान लिया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने मांगी रिपोर्ट
ब्रजेश पाठक ने अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट करते हुए एटा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. नवनीत सिंह को निर्देश दिए हैं कि मामले की जांच कर दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाए। उन्होंने बुधबार शाम तक कार्रवाई की रिपोर्ट भी उपलब्ध करवाने को कहा है। इसके बाद एटा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. नवनीत सिंह ने सर्जिकल बोर्ड के एचओडी और सर्जन से जवाब तलब किया है। उनका कहना है कि जांच के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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