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डाउनलोड करेंएटा पुलिस ने 9 महीने पहले हुई महिला की हत्या का खुलासा कर दिया है। पुलिस ने बताया कि पैसों के लेनदेन को लेकर पति ने फायर इंजरी के झूठे केस में विरोधियों को फंसाने के लिए पत्नी को गोली मारी थी। हालांकि, पत्नी की मौत हो गई थी। आरोपी पति को हिमाचल प्रदेश से गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस ने बताया कि आरोपी ने कमेटी से 2 लाख 70 हजार रुपये लिए थे। इसे वह वापस नहीं करना चाहता था। कमेटी के ही अंकित, बंटी राजपूत, दीपू राजपूत, भागीरथ लोधी, वीरेंद्र लोधी पर हत्या का आरोप लगाया था।
फोन कॉल से खुला राज
एसएसपी उदय शंकर सिंह ने बताया कि पुलिस मामले की गहन जांच कर रही थी। उसने आरोपी दुष्यंत के फोन कॉल की डिटेल निकलवाई। फोन कॉल के आधार आरोपी से कड़ाई से पूछताछ की तो मामला सामने आ गया। साथ ही निशानदेही पर घर के सामने नाली से पिस्टल बरामद कर ली।
कमेटी से लिए थे रुपये
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक उदय शंकर सिंह ने बताया कि मामला थाना मिरहची का है। यहां रहने वाला दुष्यंत खेती करता है। वह एक कमेटी से जुड़ा था, जिसमें 10 लोग शामिल हैं। इसमें कुछ रुपये जमा किए जाते हैं और जरूरत के हिसाब से पैसे दिए जाते हैं। बाद में काम पूरा होने पर व्यक्ति पैसे वापस कमेटी में जाम कर देता है। दुष्यंत ने भी कमेटी से दो लाख 70 हजार रुपये किसी काम से लिए थे।
समय से नहीं वापस किए पैसे
दुष्यंत को 30 अक्टूबर 2021 तक पैसे कमेटी के सदस्य दीपू राजपूत को वापस करने थे। किसी कारण से वह पैसे नहीं जमा कर सका। उसने पैसे वापस करने के लिए समय मांगा। समय पूरा होने पर भी उसने पैसे वापस नहीं किए। इस पर कमेटी के सदस्य उस पर दबाव बनाने लगे। इसके बाद उसने किराएदार से फोन पर तमंचे के बारे में बातचीत की।
घायल करने के लिए मारी थी गोली
आरोपी पति ने 3 फीट की दूरी से पत्नी को घायल करने के उद्देश्य से पत्नी पर गोली चला दी। गोली लगने से पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गई और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इस पर आरोपी ने कमेटी के चार सदस्यों को फंसाने के उद्देश्य से एफआईआर दर्ज कराई थी। जिसका खुलासा आज पुलिस ने कर दिया। एसएसपी उदय शंकर सिंह ने कहा कि आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। न्यायालय के सामने पेश करने के बाद जेल भेजा जाएगा।
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