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डाउनलोड करेंदुष्कर्म पीड़िता के घर परिवार समेत 6 महीनों से लापता है। उसके घर पर 2 ताले लगे हुए हैं। दुष्कर्म पीड़िता के 2 बेटियां और एक बेटा है। जब भी वह कहीं बाहर जाती थी, बच्चों को साथ लेकर जाती थी। करीब 6 महीने पहले रात को वह बच्चों को लेकर कार से कहीं निकल गई। इसके बाद से सभी लापता हैं।
मोहल्ले वालों का कहना है कि 6 महीनों से किसी को नहीं देखा है। अब तो कोई आता जाता भी नहीं है। महिला पहले जब कभी बाहर जाती थी तो पड़ोसियों को फोन कर घर के बारे में पूछती रहती थी, लेकिन छह महीनों से उसने किसी से भी संपर्क नहीं किया।
सपा सरकार में बोलती थी तूती
चर्चा है कि सपा सरकार में महिला की शासन प्रशासन में तूती बोलती थी। वह मनचाहे काम कराती थी। यहां तक कि चौकी प्रभारी और थाना प्रभारी भी उसी महिला के मन मुताबिक रखे जाते थे। पड़ोसियों ने बताया कि महिला का घर पहले टूटा-फूटा था। अब आलीशान बन गया है। शहर में ही उसके दो अन्य प्लॉट हैं। इसके अलावा लखनऊ में एक फ्लैट भी है।
लखनऊ पुलिस ने नोटिस चस्पा किया
पड़ोसियों ने बताया कि तीन-चार दिन पहले लखनऊ पुलिस आई थी। पुलिस ने घर में नोटिस चस्पा किया है। पुलिस पड़ोसी को एक रिसीविंग भी दी है। पड़ोसी से कहा कि जब वह महिला अपने घर आ जाए तो उसे नोटिस दे देना। वहीं, दुष्कर्म पीड़ित के घर पर काफी महीने पुराना भी एक नोटिस चस्पा है। जिसमें उसे कोर्ट में हाजिर होने को कहा गया है।
ऐसे मंत्री के संपर्क में आई दुष्कर्म पीड़िता
2011 में दुष्कर्म पीड़िता सभासद का चुनाव जीती थी। 2012 में सपा की सरकार बनने के बाद गायत्री प्रसाद प्रजापति मंत्री बने। उन्हें चित्रकूट का प्रभारी बनाया गया। प्रभारी मंत्री चित्रकूट आकर हर महीने मीटिंग किया करते थे। मीटिंग में सभी सभासद उपस्थित हुआ करते थे।
इसी दौरान मंत्री दुष्कर्म पीड़िता के संपर्क में आए। 2012 में प्रभारी मंत्री पहली बार चित्रकूट आए सभासद सविता पाठक ने उन्हें गिफ्ट में फूल दिए। प्रत्यक्ष दर्शकों के मुताबिक मोबाइल नंबर लिया दिया गया। चर्चा है कि मंत्री के कहने पर तत्कालीन खनिज अधिकारी पीके सिंह हर महीने 18 लाख रुपए घर आकर देते थे।
क्या है मामला?
महिला ने 2014 में पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति और उसके सहयोगियों पर सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाया था। साथ ही यह भी कहा था कि उसकी पुत्री के साथ अश्लील हरकत की गई थी। इस पर 2017 में लखनऊ में रिपोर्ट दर्ज की गई थी। चार साल तक चली सुनवाई के बाद न्यायालय में आरोप सिद्ध हो गए हैं। बुधवार को एमपी-एमएलए कोर्ट ने पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति, अशोक तिवारी, आशीष शुक्ला को सामूहिक दुष्कर्म और पाक्सो एक्ट के तहत दोषी करार दिया।
पहले दी थी क्लीन चिट
जिले की जिस महिला संग सामूहिक दुष्कर्म के मामले में अदालत ने सपा सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति को दोषी पाया है, उसने वर्ष 2019 में उनको पिता तुल्य बताकर क्लीनचिट दे दी थी। बुधवार को फैसला आने के बाद पीड़िता के घर कई परिचित पहुंचे तो उन्हें मायूसी मिली। कारण, घर के दरवाजे पर ताला लटका था।
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