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डाउनलोड करेंचंदौली में विशेष न्यायाधीश पॉक्सो राजेंद्र प्रसाद की अदालत ने दुष्कर्म के मामले की सुनवाई करते हुए आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 25 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया। इसके अलावा किशोरी को बहला-फुसलाकर घर से भगाने में शामिल रहे चार आरोपितों को तीन-तीन साल की सजा व पांच-पांच हजार जुर्माने का फैसला सुनाया गया। जुर्माना अदा न करने पर आरोपियों को अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
2014 में दर्ज कराया था मुकदमा
सदर कोतवाली के एक गांव निवासी किशोरी के पिता ने 2014 में मुकदमा दर्ज कराया था। उनका आरोप था कि जितेंद्र कुमार, कमली देवी, मधुबाला व जयमाला ने बेटी को बहला-फुसला कर घर से ले गए। पुलिस ने पहले किशोरी को भगाने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर छानबीन शुरू की। विवेचना के दौरान यह तथ्य सामने आया कि पीड़िता को कटसिला से चंदौली निवासी राजेश यादव अपने साथ ले गया था।
चार दिनों तक बाहर रखा
आरोपी ने किशोरी को तीन-चार दिन कहीं रखा और उसके साथ दुष्कर्म किया। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद जज ने आरोपी राजेश यादव को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 25 हजार रुपये जुर्माना लगाया। वहीं किशोरी को घर से भगाने के आरोपितों को तीन-तीन साल कारावास व पांच-पांच हजार जुर्माना लगाया। विशेष अधिवक्ता पॉक्सो शमशेर बहादुर सिंह ने अदालत में पैरवी की।
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